नई दिल्ली: संसद में जारी गतिरोध भी अब थम गया है। गुरुवार (28 दिसंबर) को सरकार ने लोकसभा में तीन तलाक पर बिल पेश किया। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बिल को पेश किया। बिल पेश होने के बाद इस पर बहस शुरू हुई। कांग्रेस पार्टी ने कुछ सवालों के साथ इस बिल का समर्थन करने की बात कही है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है। संसद के सत्र से पहले बीजेपी संसदीय दल की बैठक भी है।
खास बात ये है कि प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस संसद में इस बिल पर समर्थन दे सकती है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में बुधवार देर रात कांग्रेसियों की इस मुद्दे पर बैठक हुई। एक खबरिया चैनल के सूत्रों की मानें तो इस बैठक में कांग्रेस के नेता तीन तलाक बिल के पक्ष में दिखे। ऐसे में संभव है कि इस बिल को पास करवाने में केंद्र सरकार को कोई दिक्कत न आए।
तीन तलाक बिल को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले अंतर मंत्रीस्तरीय समूह ने तैयार किया है। बिल में कहा गया है कि मौखिक, लिखित या अन्य तकनीकी माध्यमों जैसे एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिए किसी भी रूप में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अवैध करार दिया गया है। ऐसा करने पर पति को तीन साल के जेल की सजा का प्रावधान है।
इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को महिला विरोधी बताया था। रविवार को लखनऊ में इस संबंध में बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी जिसमें तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल को लेकर चर्चा की गई थी। घंटों चली इस बैठक के बाद बोर्ड ने इस बिल को खारिज करने का फैसला किया। इसके बाद मंगलवार को बोर्ड की तरफ से पीएम को इस बिल को अभी संसद में पेश नहीं करने के लिए एक पत्र भी नहेजा गया था।