नई दिल्ली। दस देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी में राजपथ पर होने वाली भव्य और आकर्षक परेड इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह को यादगार बना देगी। देश के इतिहास में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रुप में दस आसियान देशों के शासनाध्यक्ष मौजूद रहेंगे । वर्ष 1968 और 1974 के बाद यह पहला मौका होगा जब गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश एक से अधिक देशों के शासनाध्यक्षों की मेजबानी करेगा। वर्ष 1969 में यूगोस्लाविया और सोवियत संघ के तत्कालीन राष्ट्रध्यक्ष मुख्य अतिथि थे जबकि 1974 में यूगोस्लोविया के राष्ट्रपति के साथ श्रीलंका की प्रधानमंत्री सिरीमाओ भंडारनायके देश की मेहमान थी।
राजधानी में 25 जनवरी को भारत आसियान स्मृति शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें इस संगठन के सभी दस देशों के शासनाध्यक्ष आ रहे हैं और 26 जनवरी को 69वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में ये दसों नेता विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। आसियान के सदस्य देश हैं ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, भसगापुर, थाईलैंड और वियतनाम। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान न केवल राजपथ पर बल्कि आसमान में भी आसियान का ध्वज लहरायेगा। वायुसेना के हेलीकाप्टर राष्ट्रीय ध्वज के साथ आसियान के ध्वज को लहराते हुये राजपथ के ऊपर से गुजरेंगे। इस सप्ताह गणतंत्र दिवस समारोह के साथ देश और विशेषकर राजधानी में आसियान की धूम रहेगी।
भारत एवं दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के बीच साझे सांस्कृतिक सूत्र के रूप में प्रतिष्ठित रामायण की कथाओं के मंचन से देश में राममय वातावरण रहेगा। सभी आसियान देशों के रामलीला समूह यहां आ रहे हैं जो राजधानी नई दिल्ली के अलावा अयोध्या, लखनऊ, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता में रामायण के अलग अलग कथानक पर प्रस्तुतियां देंगे। रामायण केवल भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण एवं दक्षिण पूर्वी एशिया की विरासत है। रामकथा ने इस समूचे क्षेत्र के सभी समाजों पर एक समान प्रभाव डाला और सामाजिक मूल्यों को संस्कारित किया है।
गणतंत्र दिवस समारोह और आसियान देशों के शासनाध्यक्षों के स्वागत के लिये राजधानी को विशेष रुप से सजाया संवारा जा रहा है। यहां तुगलक रोड पर भारत आसियान मैत्री पार्क बनाया जा रहा है जो भारत और आसियान देशों के बीच दोस्ती का परिचायक होगा। मुख्य अतिथियों के राजधानी के ऐतिहासिक इमारतों और प्रमुख स्थलों का भ्रमण करने की संभावना को देखते हुये इन स्थानों को खूबसूरत बनाया जा रहा है। अतिथियों के राजघाट, अक्षरधाम मंदिर, लालकिला, हुमायूं का मकबरा, जामा मस्जिद, चांदनी चौक जाने की संभावना है।
देश की सैन्य ताकत के साथ साथ झांकियों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर का परिचय देने वाली गणतंत्र दिवस परेड में इस बार कई ऐसे आकर्षण होंगे जिन्हें लोग लंबे समय तक याद रखेंगे। इस बार वायु सेना के 38 विमान राजपथ पर गर्जन कर आसमान में देश की शक्ति का प्रदर्शन करेंगे और 10 आसियान देशों के मेहमान नेताओं के सम्मान में फ्लाई पास्ट में तिरंगे के साथ आसियान का ध्वज भी आकाश में लहरायेगा। देश में बना रुद्र हेलीकाप्टर पहली बार परेड में शामिल होगा।