आईएमडी यानी इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलेपमेंट ने वर्ल्ड कॉम्पटीटिवनेस रैंकिंग जारी कर दी है। इस विश्व प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत तीन स्थानों की गिरावट के साथ 40वें नंबर पर आ गया है।
आईएमडी की इस साल की रैंकिंग में पहले तीन स्थानों पर डेनमार्क, आयरलैंड और स्विटजरलैंड ने अपनी जगह बनाई है। सूची में नीदरलैंड पांचवें, ताइवान छठे, हॉन्गकॉन्ग सातवें, स्वीडन आठवें जबकि अमेरिका नौवें तथा संयुक्त अरब अमीरात 10वें स्थान पर है।
रैंकिंग में पिछले साल भारत इस सूची में ओवरऑल 37वें स्थान पर था जो तीन नंबर गिरकर अब 40वें पर है।
नुकसान उठाने वाले देश में ओवरऑल रैंकिंग के तहत सिंगापुर तीसरे स्थान से गिरकर चौथे स्थान पर आ गया है। भारत को तीन अंकों का नुकसान हुआ है। रैंकिंग में पिछले साल भारत इस सूची में ओवरऑल 37वें स्थान पर था जो तीन नंबर गिरकर अब 40वें पर है।
आईएमडी की रिपोर्ट सरकार की दक्षता के मामले में भारत की स्थिति में एक पायदान का सुधार दिखा रही है। हालांकि कारोबारी दक्षता, आधारभूत ढांचे के विकास, आर्थिक प्रगति के मामले में भारत की रैंकिंग में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है।
आर्थिक प्रगति की बात करें तो आईएमडी सूची में भारत पिछले साल 28वें नंबर पर था जबकि इस बार उसकी रैंकिंग 33 है। सरकार की दक्षता के मामले में पिछले साल भरता की रैंकिंग 45 पर थी जो इस वर्ष 2023 की रैंकिंग में 44 पर है। व्यापार दक्षता में भारत की रैंकिंग 28 है, ये भी पिछले वर्ष 23 थी। आधारभूत ढांचे के विकास में भारत की रैंकिंग इस साल 49 से गिरकर 52 हो गई है।
बताते चलें कि आईएमडी एक स्विस फाउंडेशन है और स्विटजरलैंड में स्थित है। इस रिपोर्ट के आधार पर भी देश की आर्थिक प्रगति, सरकार की प्रभावशीलता, व्यापार दक्षता और आधारभूत ढांचे को पैमाना बनाया जाता है। आईएमडी द्वारा वर्ल्ड कॉम्पटीटिवनेस ईयरबुक का पहली बार प्रकाशन 1989 में किया गया था।