टोक्यो में होने वाला एक अध्ययन बताता है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण मछलियों का वजन कम हो रहा है।
टोक्यो विश्वविद्यालय में किए गए शोध की मानें तो बढ़ते तापमान के कारण पानी का तापमान बढ़ने से समुद्र की सतह पर तैरने वाले जीव, जो मछली का भोजन बनते हैं, उनकी मात्रा घट रही है। इनकी कमी का असर मछलियों की खुराक पर पड़ रहा है, जिसके नतीजे में उन्हें आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने मछली की 13 प्रजातियों के कुल बायोमास और व्यक्तिगत वजन का विश्लेषण किया और मछली के चार परिवारों की छह प्रजातियों के लिए 1978 से 2018 तक के डेटा की पड़ताल की।
शोध में 1982 से 2014 के बीच समुद्र के पानी के तापमान पर भी गौर किया गया, ताकि यह देखा जा सके कि तापमान में बदलाव का समुद्र की सतह और उसके नीचे की सतह पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं।
फिश एंड फिशरीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के नतीजों के मुताबिक, मछली के वजन में दो बार गिरावट आई, एक 1980 के दशक में और दूसरा 2010 के दशक में।
Extinctions could result as fish change #foraging behavior in response to rising temperatures https://t.co/nTgxGUzq5a
— Phys.org (@physorg_com) February 27, 2024
प्रारंभ में वजन में कमी देशी जापानी सार्डिन की संख्या में वृद्धि के कारण हुई, जिससे अन्य प्रकार के भोजन के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई।
हालाँकि, आगे के विश्लेषण से पता चला कि जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरों के गर्म होने के परिणामस्वरूप भोजन के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई। क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर ठंडा पानी आसानी से सतह पर नहीं आता है।
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिशी-इचिटो ने कहा कि उच्च तापमान के कारण समुद्र की सतह पर एक अतिरिक्त परत बन रही है, और पिछले अध्ययनों से पता चला है कि बड़े प्लवक (Plankton) यानी तैरने वाले जीव की जगह छोटे प्लवक और कम पोषक जेलीफ़िश जैसी गैलाटिनियस प्रकार ने ले लिया है।