यदि आपकी मासिक आय 64000 या 64500 रुपये के आसपास है तो आप नई कर प्रणाली के तहत आयकर के दायरे में नहीं आते हैं। अब तक सालाना आमदनी 7,50,000 रुपये होने पर ही करदाता को टैक्स देने से राहत मिलती थी।
बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकरदाताओं को राहत दी है। नई कर प्रणाली के टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा है कि नई दरों के अमल में आने से देश के करीब चार करोड़ करदातओं को आयकर में 17500 रुपये तक का लाभ मिलेगा।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन मद में मिलने वाली 50 हजार रुपये की छूट की राशि को बढ़ाकर 75000 रुपये कर दिया है।
धारा 87ए के अनुसार, किसी व्यक्ति की टैक्सबेल इनकम 7 लाख रुपये होने पर उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा।
बजट में किए गए बदलावों के तहत यदि किसी करदाता की वार्षिक आय 7 लाख 75 हजार रुपये तक है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75,000 रुपये घटाने के बाद उसकी आमदनी 7 लाख रुपये सालाना हो जाएगी। ऐसे में उस व्यक्ति को कोई टैक्स नहीं देना होगा।
अगर किसी व्यक्ति का मासिक वेतन 64000 या 64500 रुपये के आसपास है तो नई कर प्रणाली के तहत उसे आयकर चुकाने की जरूरत नहीं है। इससे पहले सालाना आमदनी 7,50,000 रुपये तक होने की दशा में ही करदाता को टैक्स देने से राहत मिलती थी।
नई कर व्यवस्था के अंतर्गत तीन लाख तक की इनकम ही टैक्स फ्री है लेकिन सात लाख तक कमाने करने वाले को भी टैक्स नहीं देना होता है। ऐसा इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 87ए के तहत मिलने वाली छूट के तहत हुआ है।
धारा 87ए के अनुसार, किसी व्यक्ति की टैक्सबेल इनकम 7 लाख रुपये होने पर उसे टैक्स में छूट दी जाएगी और उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा।
लेकिन अगर किसी करदाता की आमदनी 8 लाख 50 हजार रुपये सालाना है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75000 रुपये घटाने के बाद उसकी आमदनी 7,75,000 हजार रुपये रह जाती है।
नई कर प्रणाली के में नई दर के मुताबिक़ उसे आयकर के रूप में 27500 अदा करने पड़ेंगे। पुरानी दरों के आधार पर उक्त करदाता की सालाना आमदनी 8 लाख रुपये मानी जाती। ऐसे में उसे पुरानी दरों के हिसाब से उसे 35000 रुपये कर के रूप में चुकाने होते।
इस बदलाव के चलते वित्त मंत्री के स्लैब बदलने के एलान के बाद अब करदाता को 7,500 रुपये की बचत होगी।