सेबी यानी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की ज़िम्मेदारी अब तुहिन कांत पांडेय संभालेंगे। उन्हें माधवी पुरी बुच की जगह यह कार्यभार सौंपा गया है। माधवी पुरी का कार्यकाल आज यानी 28 फरवरी को समाप्त हो रहा है।
सेबी प्रमुख बने तुहिन कांत पांडेय 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और पिछले महीने ही उन्हें वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।
तुहिन कांत पांडेय को एयर इंडिया के निजीकरण के अलावा एलआईसी के देश के सबसे बड़े आईपीओ में निभाई गई उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है। उनकी नियुक्ति पदभार संभालने की तिथि से लेकर तीन वर्ष या अगले आदेश तक (इनमें से जो भी पहले हो) के तहत की गई है।
पंजाब के रहने वाले तुहिन कांत पांडेय ने अर्थशास्त्र में एमए किया है। इसके अलावा उन्होंने बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए भी किया है। तुहिन एक ऐसे अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं जो सही बात कहने की हिम्मत भी रखते हैं और बेहद नर्म लहजे में अपनी बात कहते हैं।
बृहस्पतिवार को कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय की जारी विज्ञप्ति के मुताबिक़, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी पांडेय को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का चेयरमैन नियुक्त किया है।
इससे पहले तुहिन कांत पांडेय देश के विभिन्न राज्यों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साल 2007-08 में ओडिशा के परिवहन विभाग में कमिश्नर और ज्वाइंट सेक्रेटरी की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। साल 2008 में उन्होंने ओडिशा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कमिश्नर और सेक्रेटरी के पद पर काम किया।
2021 में तुहिन पांडेय नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। यह वही समय था जब उन्होंने एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचने में अहम भूमिका निभाई थी।
विदेश की बात करें तो तुहिन कांत पांडे के पास संयुक्त राष्ट्र में भी काम करने का अनुभव है। साल 2001-2003 के बीच वह संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन में डिप्टी सचिव के पद पर भी रह चुके हैं।
तुहिन कांत पांडेय ने डीआईपीएएम यानी निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग में बतौर सचिव काम किया है। वह सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं।
तुहिन पांडेय को 7 सितंबर 2024 को वित्त सचिव पद पर नियुक्त किया गया था। जनवरी 2025 में उन्हें वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।
बतौर सेबी प्रमुख तुहिन कांत पांडेय के सामने कई चुनौतियां हैं। उन्हें सेबी की निष्पक्षता पर उठने वाले सवालों का जवाब देने के साथ लोगों का विश्वास जीतना होगा। इसके अलावा इस समय कर्मचारी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। बुच के कार्यकाल के समय सेबी कर्मचारियों ने एजेंसी के बीकेएस मुख्यालय पर एक प्रदर्शन किया था, जिसे नई मानव संसाधन नीतियों के खिलाफ विद्रोह के रूप में देखा गया था।