बुडापेस्ट: हंगरी की पहली महिला राष्ट्रपति को एक दोषी बाल उत्पीड़नकर्ता की माफ़ी स्वीकार करने पर सार्वजनिक आक्रोश के चलते इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
हंगरी की राष्ट्रपति ने कहा, “मैं उन सभी से माफी मांगती हूं जो मेरे काम से आहत हुए और उन सभी पीड़ितों से भी जिन्हें यह लगा कि मैंने उनका समर्थन नहीं किया।”
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हंगरी में एक बाल गृह के पूर्व उप निदेशक को अपने मालिकों द्वारा बच्चों के यौन शोषण के मामलों को छिपाने और इस घिनावने काम के लिए संरक्षण प्रदान करने का दोषी ठहराया गया था।
सज़ा माफ़ी के इस फ़ैसले को मंज़ूरी देने वालीं तत्कालीन न्याय मंत्री जूडित वारगा ने प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान की पार्टी की ओर से यूरोपीय चुनावों के लिए अभियान से अलग होने का एलान किया है। इस मामले में निदेशक को भी आठ साल की क़ैद की सज़ा मिली है।
— Jansatta (@Jansatta) February 11, 2024
हालाँकि, जब पोप फ्रांसिस ने पिछले साल अप्रैल में हंगरी का दौरा किया था, तो बाल यौन शोषण के मामले में दोषी को माफ़ करने का निर्णय लिया गया था।
पिछले सप्ताह इन 25 क़ैदियों के नाम सार्वजनिक किए गए थे। इनमें बुडापेस्ट के नज़दीक स्थित उस चिल्ड्रेन होम के उप-निदेशक का भी नाम था, जिन्हें तीन वर्ष की सज़ा दी गई थी। इस मामले में बच्चों पर दबाव डाला गया था कि वे बालाश्रय के निदेशक पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को वापस ले लें।
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि माफी के इस विवादास्पद फैसले पर पोप फ्रांसिस का प्रभाव था या नहीं, लेकिन इस फैसले की गूंज के बाद से विपक्ष ने विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू कर दिया है।
जब दोषी की रिहाई की घोषणा की गई, तो विरोध तेज हो गया और राष्ट्रपति पर इस्तीफा देने के लिए जनता का दबाव बढ़ गया, जिसके कारण राष्ट्रपति कार्यालय और घर के सामने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि राष्ट्रपति तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें और आज कतर की यात्रा से लौटने पर 46 वर्षीय राष्ट्रपति नोवाक ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि मैंने बहुत बड़ी गलती की है।