नई दिल्ली। लोकसभा के बजट सत्र की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। बजट सत्र 29 जनवरी को शुरू हुआ था और नौ फरवरी तक चला था और अवकाश के बाद दूसरा चरण 5 मार्च से शुरू हुआ था।
दूसरे चरण में कई मुद्दों को लेकर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे की वजह से कार्यवाही पूरी तरह बाधित रही। सदन में गत दिनों की तरह शुक्रवार को भी कई दलों के सदस्यों ने हंगामा किया।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से शांत रहने का अनुरोध करते हुए कहा कि आज सत्र का अंतिम दिन है लेकिन लगता है कि कुछ सदस्य नहीं चाहते हैं कि आज भी कार्यवाही चले। उन्होंने कहा कि वे अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी सदन के समक्ष लाना चाहती हैं। शोरशराबा कर रहे सदस्यों पर उनकी बात का कोई असर नहीं हुआ।
इसके बाद अध्यक्ष ने शोरशराबे के बीच ही बजट सत्र के कामकाज का ब्यौरा पढ़ा। उन्होंने सत्र के दूसरे चरण के दौरान हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित होने पर क्षोभ व्यक्त किया और इसके बाद वंदेमातरम की धुन के साथ कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही सुबह शुरू होते ही गत दिनों की तरह अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी प्रबंधन बोर्ड गठित करने और कर्नाटक से कांग्रेस के 4 सांसद यह बोर्ड गठित करने के विरोध में अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे जबकि तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य अपनी सीटों से खड़े होकर आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने अपनी मांग के समर्थन वाले पोस्टर ले रखे थे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर जाकर बैठने को कहा।
उन्होंने कहा के आज अंतिम दिन है और वह अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लेना चाहती हैं लेकिन यदि सदस्य सदन चलाना नहीं चाहते हैं तो वह कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर देंगी। इस पर कांग्रेस के सदस्य अपनी सीटों पर चले गए, लेकिन अन्य सदस्य नारेबाजी करते रहे।
शोरशराबे के बीच ही अध्यक्ष ने बताया कि बजट सत्र में व्यवधानों और विभिन्न कारणों से स्थगनों के कारण 127 घंटे 45 मिनट तक कार्यवाही बाधित रही। सभा ने नौ घंटे 47 मिनट देर तक बैठकर जरूरी कामकाज निपटाया। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान पांच सरकारी विधेयक पेश किए गए और वित्त विधेयक सहित पांच विधेयक पारित किए गए।