भारत में इस साल मानसून के मौसम में “सामान्य” वर्षा होने की फोरकास्ट है। एक निजी मौसम पूर्वानुमान कंपनी स्काईमेट वेदर ने इसकी जानकारी दी है। कम्पनी ने मंगलवार को कहा कि इससे पहले 21 फरवरी को स्काईमेट द्वारा जारी मानसून के पूर्वानुमान में भी इस साल मानसून सामान्य रहने की बात कही गई थी।
मौसम की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्य प्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। राजस्थान सहित गुजरात, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है।
सामान्य वर्षा को एलपीए के 96-104% के बीच वर्गीकृत किया गया है। पिछले साल “सामान्य” श्रेणी में मानसून की वर्षा एलपीए का 99% थी जोकि 2020 में, मानसून “सामान्य से ऊपर” श्रेणी में एलपीए का 109% था। जानकारी के मुताबिक़ बारिश दीर्धावधि औसत (एलपीए) का 98% होगी। जून से सितंबर की अवधि के लिए दीर्धावधि औसत 1961-2010 के बीच के औसत के आधार पर 880.6 मिमी है।
स्काईमेट वेदर के मुताबिक़ जुलाई-अगस्त में केरल और कर्नाटक के आंतरिक हिस्सों में बारिश में कमी आ सकती है। इस बार के मानसून का पहला आधा हिस्सा दूसरे आधे हिस्से से बेहतर रहने की उम्मीद है। दक्षिण-पश्चिम मानसून 2022 के सामान्य होने की 65 प्रतिशत संभावना है। वहीं 25 प्रतिशत कम बारिश होने की भी संभावना है और 10 प्रतिशत ‘सामान्य से ऊपर’ बारिश होने के आसार हैं। साल 2022 के सूखा वर्ष होने की कोई संभावना नहीं है।