चीन में कोरोना के बढ़ते केस एक बार फिर से रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। यहां मंगलवार को 5,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। अब जिस तरह से चीन में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है वह अन्य देशों के लिए भी चिंता का विषय है। यहाँ के कई इलाकों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है।
चीन में कई तरह की पाबंदियां लगाए जाने के बावजूद कोरोना के मामलों में तेजी बढ़ती दिखाई दे रही है। इसका मुख्य कारण ओमिक्रॉन का सबवेरिएंट BA.2 बताया जा रहा है। इसके चलते भारत में भी चिंता बढ़ने लगी है।
यह सबवेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिला था जो अब चीन के साथ पश्चिमी यूरोप के कई देशों में संक्रमण बढ़ाने का ज़िम्मेदार है। इस बीच भारत के लिए भी चिंता बढ़ गई है। वैसे तो यहाँ अभी तीसरी लहार ख़त्म हुई है और नए मामले लगातार घट रहे हैं। देशभर में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के कुल 2876 नए मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटों में देशभर में कुल 98 लोगों की कोविड से मौत भी हुई है। एक्टिव केस की संख्या घटकर 40 हजार से भी नीचे आ गई है।
भारत में कोविड की रफ्तार कम है मगर एशिया के अन्य हिस्सों के साथ-साथ यूरोप के कई हिस्सों में कोरोना फिर पांव पसार रहा है। ऐसे में कुछ वैज्ञानिक गणितीय मॉडल के आधार पर कोरोना की चौथी लहर आने की बात कह रहे हैं। दूसरी और कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक कोरोना का कोई नया घातक वेरिएंट नहीं आता है तब तक किसी बड़ी लहर की संभावना नहीं दिखाई दे रही है।
चीन में कोविड के 5,280 नए मामले दर्ज़ हुए जो महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे ज़्यादा है। सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला प्रांत जिलिन है। नए उछाल की वजह से कम से कम 10 शहरों और काउंटियों को बंद किया गया है। इसमें शेन्झेन का टेक हब है जिसमें 1.7 करोड़ घर हैं: AFP की रिपोर्ट
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
कुछ अध्यन बता रहे हैं कि विदेशों में कोरोना की चौथी और पांचवी लहर आ चुकी है तो भारत में भी यह आएगी यह कहना गलत होगा क्योंकि विदेशों में जो आखिरी लहर आई है उसकी वजह ओमिक्रोन वेरिएंट था, वहीं भारत में भी तीसरी लहर में यही वेरिएंट प्रभावी रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके बाद कोई और वेरिएंट नहीं आया तो अगली लहर की संभावना कम है।
कुछ समय पहले आईआईटी कानपुर के कोरोना वायरस के अध्ययन में भारत में महामारी की चौथी लहर के बारे में जानकारी दी गई थी। उनके मुताबिक़ यह 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है और इस साल मध्य से अगस्त के अंत तक चरम पर हो पीक पर रह सकती है।