नई दिल्ली। आम लोगों में स्मार्टफोन का चलन बढ़ने के साथ ही सुरक्षा बलों केजवानों और अधिकारियों के बीच भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल काफी प्रचलित हो रहा है। ऐसे में सुरक्षा जानकारी लीक ना हो जाने के डर से गृह मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की हैं। इसमें जवानों और अधिकारियों को सोशल मीडिया में जानकारी, दस्तावेज, फोटो या विडियो शेयर करने के संबंध में सतर्क किया गया है। साथ ही नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। home ministry
यह गाइडलाइन SSB, CRPF, CISF, ITBP, BSF और NSG समेत पूरे सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के लिए जारी की गई है। इसमें उदाहरण के तौर पर कई घटनाओं का भी जिक्र किया गया है, जहां सैनिकों ने ऑपरेशन की तस्वीरें अपने पर्सनल सेलफोन से खींची, जिसके बाद यह तस्वीरें ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सऐप, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पहुंच गई। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “यह बेहद जरूरी हो चुका है कि कुछ निर्देश नए सिरे से जारी किए जाएं, क्योंकि सरकार को देखने में ऐसी कई घटनाएं आई हैं जब सुरक्षा बलों के मोबाइल फोन और कैमरे से ऑपरेशन और सेंसिटिव चीजों की कवरेज की गई है और इसे बिना आधिकारिक अनुमति के सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया गया।”
ताजा निर्देश में उल्लंघन करने वाले कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात है। इसमें कहा गया है, ‘इस तरह का कोई भी फोटो, विडियो समेत अन्य केवल आधिकारिक इस्तेमाल के लिए है और चल रहे अभियान की सामग्री सोशल मीडिया साइटों पर अपलोड करने पर गोपनीय अभियानों के बारे में किसी भी तरह का अनाधिकृत खुलासा नियमों का गंभीर उल्लंघन है और उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों पर आरोप लगाया जा सकता है।’
हालांकि, इन बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस निर्देश में खामी का उल्लेख करते हुए कहा कि कई अभियानों में राज्य पुलिस और सेना जैसी कई एजेंसियां शामिल होती है और ये दिशानिर्देश उनपर लागू नहीं होते, इसलिए इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया मंचों पर सूचना उल्लंघन और मल्टीमीडिया के महत्वपूर्ण शेयरिंग की घटनाएं या मौके हो सकते हैं।