भारत में हिंदी सबसे अधिक राज्यों में बोली जाने वाली भाषा है। आज यानी 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर भाषा के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और संगठनों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
हिंदी दिवस को आज के दिन मनाने का कारण है। आजादी के बाद संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया। तबसे हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आधिकारिक कार्यों में हिंदी के प्रगतिशील प्रयोग को बढ़ाने की खातिर भारत सरकार के गृह मंत्रालय का राजभाषा विभाग कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करता है।
फारसी शब्द हिंद से हिंदी बना जिसका अर्थ है ‘सिंधु नदी की भूमि’। पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और अन्य पड़ोसी देशों में भी हिंदी बोलने का चलन है। इस तरह हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा मानी जाती है।
राष्ट्रपिा महात्मा गांधी हिंदी को जनमानस की भाषा मानते थे और कई इतिहासकारों के अनुसार वह इसे राष्ट्रभाषा बनाने के पक्षधर थे। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू ने 14 सितंबर को इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा देते हुए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। देश में पहली बार 14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस मनाया गया। जबकि विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।