हिमाचल प्रदेश में 286 स्कूलों की सूची तैयार की गई है जिनमे किसी भी छात्र का नामांकन नहीं हुआ है। इनमे प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर जानकारी दी है कि ऐसे प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को अधिसूचित किया गया है। साथ ही इन स्कूलों के शिक्षकों और अन्य स्टाफ को ऐसे स्कूलों में शिफ्ट करने की व्यवस्था की जा रही है जहां स्टाफ की कमी है।
जानकारी के मुताबिक़ इस समय हिमाचल प्रदेश में 15 हज़ार 3 सौ 13 सरकारी स्कूल हैं। शिक्षा मंत्री के अनुसार कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। इसके अलावा कई ऐसे स्कूल भी हैं जहां केवल एक ही शिक्षक है। उन्होंने बताया कि जल्दी ही इन स्कूलों में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) March 5, 2023
हिमाचल में एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे स्कूलों की संख्या करीब 3 हज़ार है। इसके अलावा 455 स्कूल प्रतिनियुक्ति के आधार पर चल रहे हैं। इन सबके बीच प्रदेश में शिक्षकों के तकरीबन 12 हज़ार पद खाली पड़े हैं।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग की तरफ से इस स्कूलों और कॉलेजों के लिए एक रूपरेखा तय की गई है। इसके तहत प्राथमिक स्कूलों के लिए कम से कम 10 छात्र, मिडिल के लिए 15, जबकि उच्च के लिए 20 और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के लिए 25 तथा कॉलेजों के लिए 65 छात्र होना आवश्यक है। जो स्कूल इन मानकों को पूरा करने में असमर्थ होंगे उन्हें बंद कर दिया जाएगा। आगे उन्होंने ये भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जो नियम तय किए गए हैं यह उससे भी काफी कम है। नियमों में ढील पहाड़ी क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए दी गई है।
हिमाचल ग्रेडिंग सूचकांक में पांचवें स्थान से ग्यारहवें स्थान पर आ गया है। इसपर बोलते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षकों की अतार्किक तैनाती के चलते गुणवत्ता प्रभावित हुई है।
स्कूल यूनिफॉर्म के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि छात्रों को ना सिर्फ खराब क्वालिटी की यूनिफॉर्म दी गई बल्कि इसे देरी से दिया गया। इस व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश में सरकार ने अब यूनिफॉर्म के लिए सीधे छात्रों के खाते में पैसे ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है।