प्रयागराज 18 दिसम्बर : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के धर्म परिवर्तन को लेकर जारी अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार से जवाब देने को कहा है। इसके लिए कोर्ट ने 4 जनवरी तक समय दिया है।
याचिका को सुनवाई के लिए आज सात जनवरी को पेश करने का निर्देश दिया गया। मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने सौरभ कुमार की जनहित याचिका पर शुक्रवार को राज्य सरकार को चार जनवरी तक जवाब देने को कहा है ।
जनहित याचिका में अध्यादेश को नैतिक व संवैधानिक रूप से अवैध बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गई और कहा गया है कि इस कानून के तहत उत्पीड़न पर रोक लगे।
याचिका के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31अक्तूबर को बयान दिया था कि उनकी सरकार धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लाएगी। उनका मानना है कि मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू लड़की से शादी, धर्म परिवर्तन कराने के षडयंत्र का हिस्सा है। एक मामले की सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अवैध करार दिया। इसके बाद यह बयान आया और अध्यादेश जारी किया गया है।
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कानून व्यवस्था ,धार्मिक सौहार्द कायम रखने व सामाजिक ताने-बाने को सुदृढ़ रखने के लिए अध्यादेश जरूरी है। संविधान सम्मत है। याचिका की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।