टुंडे के कबाब ना सिर्फ हिन्दोस्तान बल्कि दुनिया भर में मशहूर हैं। मशहूर टुंडे कबाबी शाकाहारी लोगों के लिये अब वेज कबाब भी तैयार करेंगे। हिन्दोस्तान की सरहदों से बाहर निकलकर टुंडे कबाब के जायके ने सात समन्दर पार के लोगों को भी अपना दीवाना बना लिया। लेकिन शाकाहारी लोगों के लिये लोगों के लिये ये स्वाद अछूता रहा है। लेकिन अब उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं। टुंडे कबाब के मालिकों ने अपने जायके को अब शाकाहारी स्वाद देने की तैयारी की है।
हाजी मुराद अली उर्फ टुंडे कबाबी के दौर से शुरु हुआ कबाब का ये सफर लगभग सौ साल पुराना हो चुका है। इस दौरान हिन्दोस्तान के तमाम बड़े शहरों के बाद दुबई जैसी दुनिया की नामचीन जगह पर भी इसने अपना झंडा गाड़ा। हाजी मुराद अली का एक हाथ नहीं था इसलिये उनका नाम टुंडे पड़ गया और उनके उसी नाम से ये कबाब मशहूर हो गये।
टुंडे के कबाब में जो मसाले इस्तेमाल किये जाते हैं वो उनके परिवार वालों के अलावा किसी को नहीं मालूम। इन मसालों का कैसे इस्तेमाल किया जाता है ये टुंडे कबाबी से पीढ़ी दर पीढ़ी उनके वारिसों को ही मालूम है।
इन खास मसालों का इस्तेमाल अब आलू, लौकी, कद्दू, चने की दाल, बेसन और दूसरी सब्जियों के साथ इस्तेमाल कर टुंडे कबाबी के वारिस वैसा ही मजेदार जायका शाकाहारी कबाब में देंगे।