दिल्ली एनसीआर उन शहरों में शामिल है, जहां के लोग नींद नहीं आने को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित हैं और राजधानी दिल्ली के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग अनिद्रा का शिकार होने से परेशान हैं।
भारत के सबसे बड़े डी2सी स्लीप एंड होम सॉल्यूशन प्रोवाइडर वेकफिट डॉट को ने अपने वार्षिक अध्ययन ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड (जीआईएसएस) के चौथे संस्करण की रिपोर्ट को जारी किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अनिद्रा का खतरा सालभर पहले के 19 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 24 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
घर बैठे काम करने के चलन के बाद से जीआईएसएस 2021 में हिस्सा लेने वाले दिल्ली एनसीआर के 43 प्रतिशत लोगों ने इस साल नाइट शिफ्ट में काम करने की बात कही। सालभर पहले 12 प्रतिशत लोग नाइट शिफ्ट कर रहे थे।
चार साल में एक लाख से ज्यादा लोगों से संपर्क और मार्च 2020से फरवरी 2021के दौरान 16 हजार से ज्यादा लोगों से संपर्क के साथ नींद को लेकर हुए इस अध्ययन जीआईएसएस से देशभर के लोगों के स्लीप पैटर्न को लेकर कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। 2021 की रिपोर्ट में सामने आया है कि गुरुग्राम के 42 प्रतिशत लोगों की शिकायत है कि काम की वजह से उन्हें देर रात तक जागना पड़ता है। पिछले साल ऐसा मानने वाले मात्र 17 प्रतिशत थे।
रिमोर्ट वर्किंग यानी घर बैठे काम करने के चलन के बाद से जीआईएसएस 2021 में हिस्सा लेने वाले दिल्ली एनसीआर के 43 प्रतिशत लोगों ने इस साल नाइट शिफ्ट में काम करने की बात कही। सालभर पहले 12 प्रतिशत लोग नाइट शिफ्ट कर रहे थे। बिस्तर पर पहुंचने के बाद भी काम करने के मामले में भी दिल्ली में लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस साल 47 प्रतिशत लोगों ने बिस्तर पर पहुंचने के बाद काम करने की बात बताई। सालभर पहले ऐसे लोगों की संख्या 18 प्रतिशत थी।