देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त की ज़िम्मेदारी ज्ञानेश कुमार को दी गई है। उन्हें पदोन्नत करके नया सीईसी बनाया गया है। साथ ही एक निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति भी की गई है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शिरकत की।
वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल आज यानी 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़ी खास बात यह है कि उनका चयन नए कानून के तहत नियुक्त किया गया है।
नवनिर्वाचित मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर इस वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष के पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु के चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी होगी।
इस बीच कांग्रेस नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर बैठक की। कांग्रेस की तरफ से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और अजय माकन ने संबोधित किया था। कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी का कहना है कि चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटाकर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव आयोग पर नियंत्रण चाहती है, न कि उसकी विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहती है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने इस नियुक्ति पर विरोध जताते हुए कहा है कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो इस बैठक के आयोजन का क्या मतलब है? सीईसी के चयन के लिए पांच नामों की सूची दी गई थी मगर राहुल ने नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
बताते चलें कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 19 फरवरी को सुनवाई करेगी और फैसला दिया जायेगा कि कमेटी का संविधान किस तरीके का होना चाहिए।
हरियाणा कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी विवेक जोशी को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है। बतौर निर्वाचन आयुक्त वह 2031 तक अपनी सेवाएं देंगे। हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव जोशी जनवरी 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। 58 वर्षीय जोशी का जन्म 21 मई 1966 को हुआ था।
चयनित मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार मार्च 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी है। वह 2024 से ही चुनाव आयुक्त के रूप में काम कर रहे थे। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए ज्ञानेश कुमार के पास 37 साल से अधिक का प्रशासनिक अनुभव है। वे केरल सरकार में एर्णाकुलम के सहायक जिलाधिकारी, अडूर के उपजिलाधिकारी, एससी/एसटी के लिए केरल राज्य विकास निगम के प्रबंध निदेशक, कोचीन निगम के नगर आयुक्त के अलावा अन्य पदों पर भी सेवाएं दे चुके हैं।
मौजूदा कानून के मुताबिक़, मुख्य निर्वाचन आयुक्त अथवा निर्वाचन आयुक्त 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं। यह दोनों बतौर आयुक्त छह वर्ष के लिए आयोग में सेवाएं दे सकते हैं।