गृह मंत्रालय के एक पैनल ने भारत प्रशासित कश्मीर में पैलेट गन के विकल्प के तौर पर कम घातक माने जाने वाले मिर्च पाउडर के गोले इस्तेमाल करने की सलाह दी है.
ये समिति पैलेट गन से हज़ारों कश्मीरियों के घायल होने के बाद इसका विकल्प तलाशने के लिए गठित की गई थी.
कश्मीर में 8 जुलाई को चरमपंथी बुरहान वानी की मौत के बाद से प्रदर्शन हो रहे हैं.
पिछले दिनों पैलेट गन के विरोध में डॉक्टरों ने भी विरोध प्रदर्शन किया था.
घाटी के अधिकतर हिस्सों में कर्फ्यू लगा है. सुरक्षाबलों के साथ झड़पों में हज़ारों कश्मीरी घायल हुए हैं जिनके शरीर को पैलेट गन से ठीक न होने वाला नुक़सान हुआ है.
नए मिर्च के गोलों में पेलरगोनिक एसिड विनाइल एमाइड (पीएवीए) होता है.
ये आर्गेनिक पदार्थ मिर्च पाउडर में पाया जाता है.
विशेषज्ञ पैनल ने कहा है कि यह पीएवीए गोला निशाना बनाए गए व्यक्ति को परेशान और कुछ देर के लिए कमज़ोर कर देगा.
रिपोर्टों के मुताबिक़ पैनल ने इसी सप्ताह इस नए हथियार का परीक्षण भी किया है.
लखनऊ स्थित भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान बीते साल से इस पर शोध कर रहा है.
समिति ने ये सुझाव भी दिया है कि भारतीय सीमा सुरक्षा बल की टियर स्मोक यूनिट पहले खेप के लिए कम से कम पचास हज़ार गोलों का तुरंत उत्पादन करे.