नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) बिल बुधवार को राज्यसभा में पेश होगा। कांग्रेस इसका सपोर्ट कर सकती है। हालांकि, उसने इसका एलान नहीं किया है। सरकार मंगलवार को ही बिल पेश करना चाहती थी। लेकिन सोनिया गांधी की बनारस में रैली के चलते कांग्रेस के कहने पर सरकार ने बिल एक दिन टाल दिया। बता दें कि जीएसटी की नींव 16 साल पहले वाजपेयी सरकार ने रखी थी। जीएसटी कानून बनने से असर ये होगा कि अब तक जो 30 से 35% टैक्स देते हैं, वह 17 से 18% हो जाएगा। राज्यसभा में इस बिल पर 5 घंटे पचास मिनट चर्चा होगी। यह बिल लोकसभा में करीब एक साल पहले पारित हो चुका है। पिछले दिनों फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली की अगुवाई में हर दल के नेता से हुई चर्चा के बाद सरकार को उम्मीद है कि बिल दो तिहाई बहुमत से पारित हो जाएगा। राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश करने से पहले बीजेपी ने व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों से तीन दिन तक सदन में हाजिर रहने को कहा है। जीएसटी बिल सालभर से लोकसभा से पारित होकर इसलिए पेंडिंग है क्योंकि मोदी सरकार अपोजिशन की बहुमत वाली राज्यसभा को साध नहीं पा रही थी। अब जाकर बात बनी है, तो बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
इसके बाद लेनदेन पर वैट और सर्विस टैक्स नहीं होगा। इसी तरह घर खरीदना हो या फिर ऐसी कोई दूसरा लेनदेन करना हो, जहां वैट और सर्विस टैक्स दोनों लगते हैं, जीएसटी लगने के बाद ये सस्ता हो सकता है। रेस्तरां का बिल इसलिए कम होगा क्योंकि अभी वैट (हर राज्यों के अलग-अलग) और 6% सर्विस टैक्स (बिल के 40% हिस्से पर 15%) दोनों लगता है। जीएसटी के तहत सिर्फ एक टैक्स लगेगा। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सस्ते एयरकंडीशनर, माइक्रोवेव ओवन, फ्रिज, वाशिंग मशीन सस्ती होगी। अभी 12.5% एक्साइज और 14.5% वैट लगता है। जीएसटी के बाद 18% टैक्स लगेगा। मालढुलाई :20% सस्ती होगी। फायदा आम लोगों से लेकर लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री तक को। इंडस्ट्री सबसे फायदे में रहेगी। क्योंकि जीएसटी के बाद उन्हें करीब 18 टैक्स नहीं भरने होंगे। टैक्स भरने की प्रॉसेस भी आसान होगी।
दूसरी तरफ अगर आम लोगों से इसे नुकसान की बात करें तो चाय-कॉफी और डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट 12% तक महंगे होंगे। चाय-कॉपी जैसे इन प्रोडक्ट्स पर अभी ड्यूटी नहीं लगती। अब 12% महंगे हो सकते हैं। मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड का बिल या फिर ऐसी अन्य सेवाएं सब महंगी होंगी। क्योंकि अभी सर्विसेज पर 15% टैक्स (14% सर्विस टैक्स, 0.5% स्वच्छ भारत सेस, 0.5% कृषि कल्याण सेस) लगता है। जीएसटी होने पर ये 18% हो सकता है।
अभी डिस्काउंट के बाद की कीमत पर टैक्स लगता है। जीएसटी में एमआरपी पर टैक्स लगेगा। कंपनी 10000 रु. का सामान हमें 5000 रु. में देती है तो अभी 600 रु.टैक्स लगता है। पर जीएसटी के बाद 1200 रु. टैक्स लगेगा।
जेम्स एंड ज्वैलरी महंगी हो सकती है। इस पर अभी 3% ड्यूटी लगती है। रेडिमेड गारमेंट भी महंगे हो सकते हैं क्योंकि अभी इन पर 4-5% का स्टेट वैट लगता है। जीएसटी में इन पर कम से कम 12% टैक्स लगेगा।