केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का विरोध करने वाले पहलवानों को चर्चा के लिए न्योता दिया है। ठाकुर ने ट्विटर पर कहा है कि सरकार पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है।
अपने ट्वीटकेंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लिखा- ‘सरकार पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है. मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है।’
The government is willing to have a discussion with the wrestlers on their issues.
I have once again invited the wrestlers for the same.
— Anurag Thakur (मोदी का परिवार) (@ianuragthakur) June 6, 2023
, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ग्वालियर में कह चुके हैं कि भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाएगी। मंगलवार को ठाकुर यहां लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान के दीक्षांत समारोह में शामिल होने केलिए आये थे।
ब्रज भूषण सिंह की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह पहले ही बता चुके हैं कि खेल और खिलाड़ी सरकार की प्राथमिकता हैं। आगे उन्होंने बताया कि इस मामले में सरकार पहले ही एक समिति का गठन कर चुकी है। पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। ठाकुर ने इस मामले में आरोप पत्र दायर करने के साथ निष्पक्ष जांच की बात कही।
पहलवानों को खेल मंत्री ने दिया बातचीत का न्योता, अनुराग ठाकुर ने किया ट्वीट, कहा- हम चर्चा के लिए तैयार #WrestlersProtest https://t.co/3PSdep90Ri
— Navjivan (@navjivanindia) June 7, 2023
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों के आधार पर सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकियां दर्ज की थी। भाजपा सांसद ने अपने बयान में सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि अगर एक भी आरोप साबित हो गया तो, वे फांसी लगा लेंगे।
अपनी मांगे पूरी न होने पर ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे। एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों पर इनकी मांग है कि बृजभूषण की गिरफ्तारी की जाए। इस बीच 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर वहां महिला महापंचायत के आयोजन के लिये बढने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया था। इन पहलवानों को शाम को छोड़ दिया गया, लेकिन जंतर मंतर को खाली कराके उन्हें दोबारा वहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का ऐलान किया गया।
पहलवान 30 मई को हरिद्वार में अपने पदक गंगा में विसर्जित करने गए मगर किसान और खाप नेताओं ने उन्हें ऐसा करने से रोका।