नए साल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली जनवरी को यातायात संबंधी सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह आदेश सभी 75 जिलों में लागू होंगे। सड़क दुर्घटना के लिए कारणों का पता करते हुए इसके समाधान की कार्ययोजना बनाये जाने की बात भी कही गई।
मुख्यमंत्री ने साल के पहले दिन उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक लेते हुए सभी विभागों को सड़क सुरक्षा से संबंधित आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने आदेश दिया कि जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 5 जनवरी तक बैठक संपन्न कर लें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटनाओं में हर वर्ष होने वाली 23-25 हजार मौतों को देश व राज्य की क्षति बताया। उन्होंने इन दुर्घटनाओं का कारण जागरूकता के अभाव को बताया।
सड़क सुरक्षा माह को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सुचारू रूप से संपन्न कराये जाने के अलावा उमुख्यमंत्री ने उन जनपदों व स्थलों को चिह्नित करने की भी बात कही, जहां अधिक दुर्घटनाएं संभावित हैं।
मुख्यमंत्री ने छह से दस जनवरी तक सभी स्कूलों-कॉलेजों में सड़क सुरक्षा नियमों से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने की भी बात कही। साथ ही हेलमेट, सीट बेल्ट तथा सड़क सुरक्षा के अन्य मानकों को अपनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाकर प्रेरित करने की बात भी कही गई।
मुख्यमंत्री ने आदेश में कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर हर माह जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक हो, जिसमें पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थित रहें। इसके अलावा जनपद स्तर पर हुए कार्यों की प्रोग्रेस को लेकर हर तीसरे महीने शासन स्तर पर मूल्यांकन किये जाने की बात भी कही गई।
योगी आदित्यनाथ ने नाबालिग ई-रिक्शा व अन्य वाहनों के संचालन पर विशेष ध्यान देने की बात कही और यह भी कहा कि ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई सुचारू रूप से की जाए।
इसके अलावा सुविधा के लिए सड़कों पर अनिवार्य रूप से साइनेज लगाए जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही। ओवरलोडिंग को कतई बर्दाश्त न किये जाने वाला बताकर इसे स्टॉर्टिंग पॉइंट पर ही रोकने का निर्देश दिया।
सड़क सुरक्षा के तहत एक्सप्रेस व हाइवे पर खड़े लोडेड वाहनों को क्रेन के माध्यम से हटवाने के निर्देश दिए गए जिससे दुर्घटना को रोका जा सके।
किसी वाहन का बार-बार चालान होने पर लाइसेंस/परमिट निरस्तीकरण आदि की कार्रवाई तथा इस कार्रवाई को अनिवार्य रूप से फॉस्टैग से जोड़ने का निर्देश भी दिया गया।
सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों द्वारा परिवहन संबंधी सूचना वाली होर्डिंग लगाये जाने के भी निर्देश दिए गए। यह व्यवस्था सभी 75 जनपदों, 350 तहसीलों एवं 1500 थानों व सभी नगर निकायों के लिए किये जाने की बात कही गई है।
मुख्यमंत्री ने स्कूलों-कॉलेजों में रोड सेफ्टी क्लब की तर्ज पर प्रत्येक जनपद में रोड सेफ्टी पार्क बनाए जाने की भी बात कही है। रोड सेफ्टी अवेयरनेस कार्यक्रमों से स्कूली बच्चों को जोड़कर यातायात नियम से जुड़े विषयों पर नाटक, संगीत, कविता, निबंध, संगोष्ठी, भाषण, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं कराये जाने के साथ मुख्यमंत्री ने परिवहन निगम के बसों के ड्राइवरों की नियमित स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से कराये जाने पर भी ध्यान दिलाया।
साथ ही राहगीरों और आमजन को जागरूक किये जाने के मुद्दे पर भी जागरूकता का सन्देश फैलाने की बात कही ताकि दुर्घटना को देखकर भागने के बजाए घायलों को गोल्डेन ऑवर के अंदर समीप के हॉस्पिटल या ट्रॉमा सेंटर में पहुंचाने पर महत्व दिया जा सके। साथ ही उन्होंने एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम करने का भी निर्देश दिया।
सड़कों पर कहीं भी अवैध स्टैंड की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर निकायों में वेंडिंग जोन बनाकर रेहड़ी-पटरी वालों को स्थापित किया जाए। ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए बाइकों में से मोडिफाई साइलेंसर व हॉर्न को प्रतिबंधित किया जाए। अवैध बसों के संचालन को दुर्घटना का कारण बताते हुए गैर अनुबंधित बसों के पंजीकरण द्वारा निर्धारित रूट प्रदान किए जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए पीआरडी व होमगार्डों की संख्या बढ़ाये जाने के भी निर्देश दिए।