मुंबई। बाजार विश्लेषकों के अनुसार भू-राजनीतिक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की सतत खरीद और रुपए की विनिमय दर की कमजोरी से सोना इस साल के अंत तक 42,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच सकता है।
कॉम्ट्रेंज रिसर्च के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) गननशेखर त्यागराजन ने कहा कि पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अनिश्चितता के चलते सोना वैश्विक थोक बाजार में 1,650 डॉलर प्रति औंस और एमसीएक्स में 42,000 रुपए तक जा सकता है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंकों की ओर से सोने की निरंतर खरीद, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं तथा साल के अंत में प्रतिभूति बाजार में सौदे नक्की करने के लिए शेयरों की बिकवाली की संभावना को देखते हुए सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने का आकर्षण बढ़ सकता है। एमसीएक्स में सोने का ताजा भाव 38,302 रुपए प्रति 10 ग्राम तथा कॉमेक्स में 1,506 डॉलर चल रहा था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के उपाध्यक्ष-कमोडिटी रिसर्च, नवनीत दमानी ने कहा कि यह साल सोने में लाभ की दृष्टि से सबसे दौर में एक साबित हुआ है घरेलू बाजार में सोने में 15 फीसदी का लाभ हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपए में 1.4 प्रतिशत की गिरावट से भी सोने की इस तेजी को कुछ समर्थन मिला है।
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सोने में आगे भी तेजी बनी रह सकती है। व्यापार युद्ध की स्थिति नरम पड़ने से यह तेजी नपी तुली हो सकती है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा मंदी केंद्रीय बैंकों को अधिक समय के लिए उदार नीति बनाये रखने के लिए प्रेरित कर सकती है और इससे सोने की कीमतों को समर्थन मिल सकता है।