मुंबई। भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोच स्टीफन कॉन्सटेनटाइन ने अंधेरी स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में अधिक रैंकिंग वाले प्यूर्टोरिको के खिलाफ होने वाले अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच के लिए गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू को कप्तान नियुक्त किया है। कॉन्सटेटाइन ने मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘गुरप्रीत सिंह प्यूर्टोरिको के खिलाफ कल होने वाले मैच में टीम के कप्तान होंगे।’ यह इस 24 वर्षीय गोलकीपर के लिए बड़ा सम्मान है। वह राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की अगुवाई करने वाले युवा खिलाड़ियों में शामिल हो जाएंगे। नार्वे के स्टाबीक एफसी से जुड़े गुरप्रीत यूरोप में पेशेवर फुटबॉल खेलने वाले अकेले भारतीय पेशेवर खिलाड़ी हैं। उनको स्ट्राइकर सुनील छेत्री की जगह कप्तान बनाए जाने का मतलब है कि सीनियर गोलकीपर सुब्रत पाल को बाहर बैठना होगा जिन्हें हाल में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
प्यूर्टोरिको के खिलाफ होने वाला यह मैच मुंबई में 1955 के बाद होने वाला पहला मैच होगा। यह मैच भारत और सोवियत संघ के बीच खेला गया था। प्यूर्टोरिको के खिलाफ मैच में जीत से भारतीय टीम को फीफा रैंकिंग में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। भारत अभी विश्व रैंकिंग में 152वें जबकि प्यूर्टोरिको 114वें स्थान पर है और यह राष्ट्रीय टीम का इस साल पांचवां अंतरराष्ट्रीय मैच होगा। प्यूर्टोरिको की टीम अपनी कनेक्टिंग उड़ान नहीं पकड़ पाई और घोषणा की गई कि वह शुक्रवार शाम को ही यहां पहुंच पाएगी लेकिन कोच कान्सटेनटाइन ने कहा कि विरोधी टीम के देर से पहुंचने से भारत को कोई फायदा नहीं होगा।
कॉन्सटेनटाइन ने कहा, ‘उनकी टीम अच्छी है और उसमें कई बेहतरीन खिलाड़ी हैं। हां मुंबई में पहुंचने के समय के बारे में बात की जा सकती है लेकिन इससे उनकी क्षमता कम नहीं हो सकती। प्यूर्टोरिको फीफा रैंकिंग में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली टीमों में शामिल है। उनकी टीम काफी संगठित है।’ उन्होंने कहा, ‘वे गेंद अपने पास रखने और फिर उसे लेकर आगे बढ़ना पसंद करते हैं। तकनीक के मामले में वे बहुत अच्छे है। जब वे ‘डी’ के पास में होते हैं तो काफी खतरनाक होते हैं। अमेरिका के खिलाफ उन्होंने कुछ अवसरों पर विरोधी टीम की रक्षापंक्ति को भी तितर बितर कर दिया था।’
कॉन्सटेनटाइन ने कहा, ‘उनमें और गुआम की टीम में समानताएं हैं। उनके अधिकतर खिलाड़ी अमेरिका में खेलते हैं। असल में उनकी एक प्यूर्टोरिको एफसी टीम है जो अमेरिकी लीग में खेलती है। उनके कई खिलाड़ी यूरोप में खेल रहे हैं और उनकी टीम बहुत अच्छी है।’ उन्होंने कहा, ‘हाल में उन्हें अमेरिका से 3-1 से हार झेलनी पड़ी थी। इस तरह की टीम के खिलाफ यह अच्छी परीक्षा होगी। और उम्मीद है कि हम इसमें सफल रहेंगे।’ कॉन्सटेनटाइन ने हालांकि भारतीय टीम की भी तारीफ की जिसमें 13 खिलाड़ी 23 साल से कम उम्र के हैं। उन्होंने कहा, ‘हम खिलाड़ियों का पूल तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं जो अगले छह सात साल में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। असल में हमने खिलाड़ियों का अच्छा समूह तैयार कर लिया है आज प्रत्येक जगह के लिए अच्छी प्रतिद्वंद्विता है।’
भारतीय कोच ने गुरप्रीत की भी नार्वे में बने रहने के लिए तारीफ की और कहा कि मजबूत टीम से खेलने से टीम को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘हम विश्व रैंकिंग में 114वें नंबर की टीम से खेलने के लिए प्रेरित हैं। यदि आप रैंकिंग में आगे बढ़ना चाहते हैं तो आपको मजबूत टीमों से खेलना होगा। मैं भूटान के खिलाफ 3-0 से जीत के बजाय ईरान से 4-0 से हारना पसंद करूंगा।’ छेत्री ने कहा कि वह मैच के लिए पूरी तरह से फिट हैं।
भारतीय रक्षापंक्ति में दोनों छोर पर संदेश झिंगान और अर्णब मंडल होंगे जबकि उनका साथ देने के लिये सेंट्रल डिफेडर्स नारायण दास और रिनो एंटो रहेंगे। मध्यपंक्ति में प्रणय हल्दर, भरोसेमंद इयुगेनसन लिंगदोह, सुमित पास और जैकीचंद सिंह के जिम्मा संभालने की संभावना है। जेजे लेलपेखलुआ के साथ छेत्री अग्रिम पंक्ति की जिम्मेदारी संभालेंगे। भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक गोल करने वाले छेत्री ने युवा खिलाड़ियों की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘टीम में कई युवा खिलाड़ी है। आज के युवा खिलाड़ी अधिक सतर्क और पेशेवर हैं और जानते हैं कि उन्हें क्या करना है।’ मैच रात आठ बजे से शुरू होगा।