जर्मनी और यूरोपीय देशों में यह बहस चल रही है कि आईएस के लिए लड़ने वाले पूर्व लड़ाकों के साथ देश लौटने पर क्या व्यवहार किया जाए. जर्मनी की एक अदालत ने एक महिला को पांच साल कैद की सजा सुनाई है.
जर्मनी लौटी 32 साल की इस महिला को श्टुटगार्ट के हाई कोर्ट ने सजा सुनाई. अदालत ने उस महिला को जिहादी मिलिशिया इस्लामिक स्टेट का सदस्य होने के अलावा सीरिया और इराक में साढ़े तीन साल के प्रवास के दौरान युद्ध अपराध में शामिल होने का दोषी पाया. अदालत के अनुसार वह यु्द्धक हथियार नियंत्रण कानून के उल्लंघन की भी दोषी है.
संबंधित महिला ने 2008 में इस्लाम धर्म स्वीकरा कर लिया था. अदालत के अनुसार वह दिसंबर 2013 में जर्मनी से सीरिया गई. वहां पहुंचते ही उसने आईएस के एक लड़ाके से शादी कर ली. अदालत के फैसले के अनुसार वह आईएस के नियंत्रण वाले कई इंटरनेट ब्लॉग चला रही थी जिनमें वह मिलिशिया की जिंदगी की तारीफ करती थी और इस तरह नए लोगों की भर्ती किया करती थी. सीरिया में उसने अपने पति से हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया और लोगों की हत्या में भी हिस्सा लिया.
सितंबर 2017 में इस जर्मन महिला को दूसरे आईएस लड़ाकों की पत्नियों के साथ कुर्द सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया. वह अप्रैल 2018 में वापस जर्मनी लौटी, जहां पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उस पर मुकदमा चलाया गया.
अदालत के अनुसार सजा की अवधि तय करने में इस्लामिक स्टेट संगठन में उसकी लंबी सदस्यता और इंटरनेट में आईएस के लिए प्रचार अभियान चलाने पर ध्यान दिया गया. अदालत द्वारा नर्मी दिखाने में यह तथ्य काम आया कि उसने अदालत के सामने अपराध कबूल किया और इस बीच उसने आईएस की विचारधारा से अपने को दूर कर लिया है. सजा अभी प्रभावी नहीं हुई है. अभियोक्ता और बचाव पक्ष दोनों ही इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं.