लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में भले ही बारिश नहीं हो रही लेकिन सूबे के कई इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच शारदा, घाघरा, राप्ती नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वाराणसी और इलाहाबाद में घाटों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। जल पुलिस को विशेष तौर पर सतर्क कर दिया गया है।
वाराणसी में दशाश्वमेध एवं असि समेत अन्य घाटों की अधिकतर सीढ़ियां गंगा के बढ़े जलस्तर में समाई हुई हैं। ऐहतियात के तौर पर गंगा में हर प्रकार की नावों के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। नदियों के आस-पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। नदियों के किनारे बसे गांव और खेत पानी से डूब चुके हैं। यूपी सरकार ने जिलों को निर्देश दिए हैं कि हर तीसरे दिन मौसम और नदियों के बढ़ते जलस्तर की जानकारी लोगों को दी जाए। जिससे किसी भी तरह के होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
वहीं संगम नगरी इलाहाबाद में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार शारदानगर में शारदा का जलस्तर बढ़ने लगा है। यह अपने सामान्य जलस्तर 134.02 मीटर से ऊपर 134.61 मीटर पर बह रही है। हालांकि, खतरे के निशान से नीचे है। जबकि घाघरा खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है।
तुर्तीपार में घाघरा का सामान्य जलस्तर 62.65 मीटर है। यह अपने सामान्य जलस्तर से 27 सेन्टीमीटर ऊपर बह रही है। बलरामपुर में राप्ती नदी अपने सामान्य जलस्तर से 33 सेन्टीमीटर ऊपर बह रही है। इसका सामान्य जलस्तर 102.56 मीटर है। कानपुर, गाजीपुर बलिया में गंगा बढाव की ओर अग्रसर है। कानपुर में गंगा अपने सामान्य जलस्तर 109.00 से ऊपर 110.29 बिन्दु पर बह रही है, जबकि खतरे के निशान से नीचे बह रही है। गाजीपुर में यह अपने सामान्य स्तर से 6.65 मीटर से ऊपर बह रही है। बलिया में गंगा 56.85 मीटर पर बह रही है, जबकि इसका सामान्य जलस्तर 51.78 है। वाराणसी, फाफामऊ और छतनाग में गंगा के जलस्तर में ठहराव बना हुआ है। वाराणसी में 110.29, इलाहाबाद के फाफामऊ में 80.77 मीटर पर, जबकि छतनाग में 78.77 बिन्दु के निशान पर बह रही है।