जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत और एशियन डेवलपमेंट बैंक के बीच 2023-2027 तक के लिए समझौता हुआ है। अब जलवायु परिवर्तन और सीएचआई का मुख्यालय भारत में बनेगा।
- वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 70 लाख लोगों की समय से पहले मृत्यु हो जाती है। वायु प्रदुषण को सबसे बड़े पर्यावरणीय
- डब्ल्यूएचओ के मुताबिक़ दुनियाभर में 10 में से नौ लोग उच्चस्तर के प्रदूषकों वाली हवा के संपर्क में हैं।
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एम 2.5 के मामले में 30 सबसे प्रदूषित शहरों में से 21 शहर भारत के हैं।
इस बदलते घटनाक्रम का सबसे बड़ा कारक जलवायु परिवर्तन है। अब जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य पहल (सीएचआई) का मुख्यालय भारत में बनेगा। जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत और एशियन डेवलपमेंट बैंक के बीच 2023-2027 तक के लिए समझौता हुआ है।
हर किसी को प्रभावित करने वाला जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक संकट है, लेकिन गरीब और कमजोर आबादी के लिए इसके परिणाम विनाशकारी हैं।
जी-20 देशों के लिए सरकार इसे तैयार करेगी जिसमे एशियन डेवलपमेंट बैंक का भी सहयोग शामिल है। जलवायु परिवर्तन के कारण सभी देशों में स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर नीतियां, अनुसंधान और स्वास्थ्य पहल पर काम किया जायेगा।
जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की गुजरात के गांधीनगर में आयोजित बैठक में भारत की इस पहल का सभी देशों ने स्वागत किया है। साथ ही इस पहल के लिए लिखित समर्थन भी दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस का कहना है कि जी-20 अध्यक्षता के तहत भारत टेलीमेडिसिन, डिजिटल स्वास्थ्य जैसी चीजों पर काम कर रहा है, जो आने वाले समय में काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
डब्ल्यूएचओ पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रत्येक दो साल पर एक वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा। भारत में 2025 में दूसरे सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
अमेरिका ने भी जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य मामले में भारत के साथ काम करने की सहमति दी है। बताते चलें कि दक्षिण एशिया से चीन की ओर से अभी इस पर सहमति नहीं मिली है।