कर्नाटक के कुछ रेस्तरां में इस समय इडली बनाने की प्रक्रिया पर विवाद चल रहा है। इस प्रक्रिया में प्लास्टिक के इस्तेमाल के चलते विवाद बढ़ता जा रहा है। अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कर्नाटक राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग से पूरे मामले की जांच की बात कही है। साथ ही नियमों के उल्लंघन के खिलाफ त्वरित कार्रवाई किए जाने की भी बात कही है।
एफएसएसएसआइ यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने इडली पकाने के दौरान प्लास्टिक शीट के प्रयोग पर जांच के आदेश दिए हैं। अब इस मामले की जांच कर्नाटक का राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा कराई जाएगी।
गौरतलब है कि कर्नाटक के कुछ रेस्तरां में इडली बनाने में पतली पॉलिथीन शीट प्रयोग की जा रही थी। पड़ताल के दौरान इस प्रकार से इडली तैयार करने वाले 52 होटलों को चिह्नित भी किया गया।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने खाद्य पदार्थ बनाते समय प्लास्टिक का उपयोग करने वाले खाद्य व्यापार संचालकों (एफबीओ) अथवा होटलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
इन सभी जगहों पर इडली बनाने के लिए पारंपरिक कपड़े की जगह पॉलिथीन शीट का इस्तेमाल किया जा रहा था। जिसपर खाद्य सुरक्षा विभाग की तरफ से कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बताते चलें कि गर्म खाद्य पदार्थों में प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। गर्म होने पर इस प्लास्टिक के तत्व खाने में मिल सकते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानीकारक है।
इस मामले में सख्त एक्शन लेते हुए एफएसएसएआई ने नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी प्रतिष्ठान के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए हैं। प्राधिकरण ने खाद्य पदार्थ बनाते समय प्लास्टिक का उपयोग करने वाले खाद्य व्यापार संचालकों (एफबीओ) अथवा होटलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
बताते चलें कि अधिक तापमान वाले खाद्य पदार्थ जब प्लास्टिक के सम्पर्क में आते हैं तो इससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का खतरा होता है। खराब क्वालिटी के प्लास्टिक से उच्च तापमान के सम्पर्क में आने पर बिसफेनॉल ए (बीपीए) और फथलेट्स सहित कई ऐसे रसायन निकलकर खाने में मिल जाते हैं जो कैंसर का कारण बनते हैं। ये मइक्रोप्लास्टिक अब मानव के दिल और दिमाग़ तक में पाए जाने लगे हैं। प्राधिकरण का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एफएसएसएआई पूरे देश में खाद्य पदार्थ से जुडी प्रोसेसिंग और सामग्री पर कड़ी नजर रखता है। स्वच्छता मानकों के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान हैं।