दिल्ली के जंतर-मंतर पर छठें दिन भी पहलवानों का प्रदर्शन जारी है। उनकी मांग है कि यौन शोषण के आरोपी डब्लूएफआई अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इस बीच इन पहलवानों ने पीटी उषा के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जंतर मंतर पर धरने पर बैठी पहलवान विनेश फोगट ने कहा कि पीटी उषा को हम खुद आइकन मानते थे। उनको फोन भी किया था कि मैं अपना दर्द साझा कर सकूं पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। फोगट आगे कहती हैं कि अगर हम सड़क पर बैठे हैं तो हमारी कुछ मजबूरी रही होगी। चाहे खेल मंत्रालय है या आईओए किसी ने हमारी नहीं सुनी तब हम जनता के सामने आए हैं। उनका कहना है कि हम तीन महीने से इंतजार कर रहे हैं।
खिलाड़ियों के समर्थन में बजरंग पूनिया ने कहा कि उषा महिला होते हुए महिलाओं का दुख नहीं समझ रही हैं। करीब तीन महीनों के बाद पहलवान फिर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर जंतर-मंतर पर डब्लूएफआई अध्यक्ष बृज भूषण शरण के खिलाफ धरना दे रहे हैं।
इस बीच हरियाणा की कई खापों, महिला संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों का समर्थन किया है और कहा कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
#Delhi के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर पहलवानों का धरना जारी है। पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। #WrestlersProtest https://t.co/GMWXRRkm1r
— Navjivan (@navjivanindia) April 28, 2023
इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा द्वारा खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन को अनुशासनहीनता कहे जाने पर पूनिया ने कहा- “मुझे जब पीटी उषा मैम की टिप्पणी के बारे में पता चला तो दुख हुआ, क्योंकि हम उन्हें अच्छा एथलीट मानते हैं। वह महिला होते हुए महिलाओं का दर्द नहीं समझ रही हैं। बीते तीन महीनों से हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं और अब वे इसे अनुशासनहीनता बता रहे हैं। मुझे लगता है कि महिला होने के बाद भी वह एथलीट्स का दुख नहीं समझ रही हैं। मुझे दुख है।”
इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष उषा का कहना है कि पहलवानों को दोबारा विरोध प्रदर्शन शुरू करने के बजाए आईओए के पास आना चाहिए था। उन्होंने ये भी कहा कि खिलाड़ी आईओए के पास नहीं आए और सभी राजनीतिक दलों को शामिल होने के लिए कह रहे हैं, इसी बात ने मुझे निराश किया।
बतातें चलें कि उपरोक्त शिकायतों के खिलाफ एक्शन न लिए जाने पर पहलवानों ने जंतर मंतर पर 23 अप्रैल को दोबारा प्रदर्शन शुरू कर दिया था। साथ ही आरोप लगाए था कि दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया है।