अमरीकी सरकार ने पृथ्वी की कक्षा में अंतरिक्ष मलबा छोड़ने के लिए पहली बार किसी कंपनी पर जुर्माना लगाया है।
अंतरिक्ष मलबे से तात्पर्य पुराने उपग्रहों के टुकड़ों और अंतरिक्ष यान के उन हिस्सों से है जो पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में हैं लेकिन अब उपयोग में नहीं हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमरीकन फ़ेडरल कम्युनिकेशन कमीशन ने अपनी पुरानी सेटेलाइट को दूसरी सेटेलाइट से दूर ले जाने में विफल रहने के लिए डिश नेटवर्क पर 150,000 डॉलर का जुर्माना लगाया है।
अंतरिक्ष मलबे का निपटान नहीं करने पर अमेरिकी कंपनी पर लगा 1.2 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानें क्या है Space Debris#SpaceDebris #Space #sciencehttps://t.co/0MtKDclyLO
— GNTTV (@GoodNewsToday) October 5, 2023
कंपनी ने अपने इकोस्टार-7 सेटेलाइट के संबंध में अपनी गलती स्वीकार की और एफसीसी के साथ ‘अनुपालन योजना’ पर भी सहमति व्यक्त की। दूसरी ओर, एफसीसी ने कहा कि कंपनी का पुराना उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे अन्य उपग्रहों के लिए संभावित खतरा है।
ग़ौरतलब है कि अंतरिक्ष मलबे से तात्पर्य पुराने उपग्रहों के टुकड़ों और अंतरिक्ष यान के उन हिस्सों से है जो पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में हैं लेकिन अब उपयोग में नहीं हैं। इससे अन्य लॉन्च किये जाने वाले प्रोजेक्ट्स के साथ टकराव का खतरा पैदा होता है।
🛰️ A historic move as the US FCC imposes its first-ever fine on Dish Network for space debris negligence. 🌌 Dish's EchoStar-7 satellite failed to move away from operational satellites, highlighting the growing issue of space junk. Let's prioritize space safety! 🚀 #SpaceDebris pic.twitter.com/eOvPGYcJKt
— KI Design (@KIDataApp) October 4, 2023
दूसरी ओर, डिश का इकोस्टार-7 उपग्रह, जिसे पहली बार 2002 में लॉन्च किया गया था, एक भूस्थिर कक्षा (Geostationary orbit) में था जो पृथ्वी की सतह से 22,000 मील (36,000 किमी) ऊपर शुरू होता है। कंपनी का लक्ष्य उपग्रह को पृथ्वी से 186 मील दूर ले जाना था, लेकिन 2022 में इसे केवल 76 मील ही ले जाया गया था।