सऊदी अरब के युवराज के सुझाव के बाद आले सऊद शासन के नरेश सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान का आदेश मिलते ही इस देश में पहले चर्च के निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी मेहर की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब में अमेरिका समर्थक आले सऊद शासन के नरेश सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने अपने बेटे और युवराज मोहम्मद बिन सलमान के सुझाव के बाद, इस देश में बनने वाले नए शहर न्यूम में एक भव्य चर्च बनाने का आदेश दिया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, न्यूम शहर में इस देश के पहले चर्च का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है।
सऊदी अरब के शाही महल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम न बातए जाने की शर्त पर बताया है कि, सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के चर्च बनाए जाने के सुझाव के बाद आले सऊद के कुछ राजकुमारों और सरकारी मुफ़्तियों के कड़े विरोध के बावजूद सऊदी नरेश के आदेश पर न्यूम शहर में इस देश के पहले चर्च के निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इस चर्च के निर्माण की इच्छा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की बेटी और दामाद ने युवराज मोहम्मद बिन सलमान से की थी, जिसको पूरा करने के लिए सऊदी युवराज ने पूरा ज़ोर लगा दिया था और आख़िरकार वह ट्रम्प की बेटी इवांका और उनके दामाद ज्यर्ड क्रूश्नर के सपने को साकार करने में कामयाब हो गए।
दूसरी ओर अरब मीडिया और टीकाकारों का कहना है कि सऊदी अरब के शासक सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ और उनके बेटे युवराज मोहम्मद बिन सलमान “पैग़म्बरे इस्लाम (स)” और “वही” की ज़मीन पर पश्चिमी संस्कृति को बढ़ावा देकर उसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। अरब मीडिया के मुताबिक़, सऊदी नरेश और युवराज के कामों को लेकर उनके प्रति इस्लामी जगत के लोगों का रोष दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
मध्यपूर्व के जानकारों का मानना है कि, सऊदी अरब ने अमेरिका के इशारे पर सुधार का काम शुरू कर रखा है, जिसके तहत सऊदी अरब में दर्जनों सिनेमाघरों का भी निर्माण किया जा रहा है। इन सभी चीज़ों के निर्माण का ठेका भी एक अमेरिकी कंपनी को सौंपा गया है। इस बीच ऐसी भी ख़बरें आ रही हैं कि सऊदी अरब, इस्राईल के साथ मिलकर फ़िल्में बनाने की योजना भी बना रहा है।
उल्लेखनीय है कि सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान लगातार इस कोशिश में हैं कि पश्चिमी देशों विशेष रूप से अमरीका के दबाव के अनुसार, सऊदी अरब के समाज को रातों रात बिल्कुल बदल दें। इसी के अंतर्गत हालिया दिनों में सऊदी सरकार ने देश की महिलाओं को मैच देखने के लिए स्टेडियम जाने और गाड़ी चलाने की इजाज़त भी दी थी और दूसरी ओर इस देश की शिक्षा प्रणाली में भी बदलाव लाए जा रहे हैं।
ज्ञात रहे कि सऊदी अरब सरकार लगातार इस प्रयास में है कि देश से वहाबी विचारधारा को समाप्त करके पश्चिमी संस्कृति को बढ़ावा दिया जाए।