भोपाल : मध्य प्रदेश के भिंड जिले की अटेर सीट के उपचुनाव के लिए ईवीएम की मॉक ड्रिल ट्रायल के दौरान कोई भी बटन दबाने पर कमल की पर्ची निकलने का मुद्दा गर्मा गया है। Evm
शनिवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में चुनाव आयोग से मिलकर मतपत्र से चुनाव कराए जाने की मांग की।
पूरे घटनाक्रम पर चुनाव आयोग ने भिंड जिला निर्वाचन अधिकारियों से मीडिया में आ रहीं रिपोर्टों पर विस्तृत जानकारी मांगी है।
मालूम हो, क्षेत्र में नौ अप्रैल को मतदान होगा।
आप ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव आयोग पहुंचे। उन्होंने कहा-“मशीनों में गड़बड़ है और उसके भीतर छेड़छाड़ की गई है।
मैं बार-बार कह रहा हूं कि ईवीएम में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। ईवीएम पर चुनाव आयोग गलत कह रहा है। मशीन का सॉफ्टवेयर बदला गया है।
देश में दोबारा बैलेट पेपर से वोटिंग हो। चुनाव आयोग का कहना है कि ईवीएम की चिप पर दोबारा नहीं लिखा जा सकता, लेकिन यह ऐसा मामला नहीं है। अब भाजपा सारे चुनाव जीतेगी और ईवीएम के दलदल में कमल खिलेगा।”
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। दिग्विजय ने एक टीवी चैनल से चर्चा में कहा कि भिंड में ईवीएम उप्र से आई थी। चुनाव आयोग से इसकी जांच करने और मतपत्रों के जरिए मतदान कराने की मांग है।
उन्होंने कहा, “मुझे शुरू से ईवीएम पर भरोसा नहीं था। जब सारे विश्व में चुनाव मतपत्र से हो रहे हैं, तो हमें क्यों ऐतराज होना चाहिए।”
यह है वीवीपीएटीवोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) एक ऐसी मशीन होती है जिससे निकली पर्ची यह दिखाती है कि मतदाता ने किस पार्टी को वोट दिया है।
मतदाता केवल सात सेकंड तक इस पर्ची को देख सकता है। इसके बाद यह एक डिब्बे में गिर जाती है और मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभ्यास के दौरान चाहे जो भी बटन दबाया गया उससे निकली सारी पर्चियां यह दिखा रही थीं कि वोट भाजपा को गया है।
मालूम हो, एक सप्ताह पहले ही चुनावों में वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने यह नोटिस वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका पर जारी किया।
उप्र चुनाव में भाजपा को मिली भारी जीत और अपनी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस ने भी चुनाव मत-पत्र से कराए जाने की मांगी उठाई थी।
हालांकि चुनाव आयोग ने सभी आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि आजतक ये कोई सिद्ध नहीं कर पाया है कि वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ हो सकती है।