महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम संबंधी कांग्रेस की शिकायतों को निर्वाचन आयोग ने खारिज कर दिया है। मतदान से जुडी अनियमितताओं को लेकर कांग्रेस ने कथित विसंगतियों की शिकायत की थी। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आयोग ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को 3 दिसंबर को बुलाया है।बताते चलें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी की तरफ से डाले गए वोटों और गिने गए वोटों के बीच बड़े अंतर पर सत्तारूढ़ भाजपा पर धांधली का आरोप लगाया था। कांग्रेस पार्टी की तरफ से यह आरोप भी लगाया था कि उसके कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए थे।
इस मामले में व्यक्तिगत रूप से चर्चा करने के लिए कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार यानी 3 दिसंबर को आयोग ने अपने कार्यालय में आमंत्रित किया है।
चुनाव आयोग के सचिव एसके दास ने कांग्रेस के वकील उमर होदा को लिखे गए पत्र में इस मामले को संज्ञान में लाने के लिए कांग्रेस पार्टी का आभार व्यक्त किया है।
महाराष्ट्र में मतदाताओं के नाम जोड़ने और हटाने के आरोप पर एस के दास द्वारा भेजे पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस को पता है कि मतदाता सूची हमेशा सभी राजनीतिक दलों की करीबी भागीदारी के साथ तैयार और अंतिम रूप दी जाती है।
आगे उसमे यह भी कहा गया है कि सभी राजनीतिक दलों को प्रकाशित मतदाता सूची के मसौदे की कॉपी दी जाती है जिसमे सत्यापन प्रक्रिया में प्रत्येक चरण में राजनीतिक दल सम्मिलित होते हैं।
चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत के अंतर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि पार्टी को लिखे अपने पहले के पत्र के माध्यम से कारण पहले ही सार्वजनिक कर दिए गए हैं।
बताए चलें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को जारी किए गए हैं। यहां महायुति गठबंधन भारी बहुमत से विजयी हुई है। नतीजों में भाजपा को 132 सीटें जबकि शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली है। वहीँ कांग्रेस केवल 16 सीटों पर सिमट गई है। हालाँकि कांग्रेस के सहयोगी दलों शिवसेना (यूबीटी) को 20 और एनसीपी (एसपी) को 10 सीटें मिलीं हैं।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के वकील उमर होदा को लिखे पत्र में इस मामले को संज्ञान में लाने के लिए कांग्रेस पार्टी को धन्यवाद दिया है।