नई दिल्ली : EVM की विश्वसनीयता पर शक करने वालों को चुनाव आयोग ने खुली चुनौती दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि वे आएं और ये साबित करके दिखाएं कि EVM में छेड़छाड़ की जा सकती है। Ec
चुनाव आयोग ने ऐलान किया है कि मई महीने के शुरुआत में EVM हैकिंग का दावा करने वाले लोग आएं और मशीन में बदलाव करके दिखाएं।
चुनाव आयोग इसके लिए एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
इससे पहले चुनाव आयोग की टीम सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी और डेमो देकर उन्हें समझाएगी कि ईवीएम में फेरबदल करना संभव नहीं है।
हालांकि इसके लिए अभी निश्चित तारीख का ऐलान नहीं हो पाया है।
बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल समेत कई नेताओं ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये थे। और आगे के चुनाव EVM की बजाय बैलट पेपर से कराने की मांग की थी।
केजरीवाल ने कहा दिल्ली के नगर निगम चुनावों को भी बैलट पेपर के जरिये कराने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने बार बार कहा है कि ईवीएम में किसी की किस्म का बदलाव संभव नहीं है। कुछ ही दिन पहले चुनाव आयोग ने बयान जारी किया था कि ईवीएम मशीन को बनाने वाला भी इसमें हैकिंग नहीं कर पाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईवीएम की ‘निष्पक्षता’ को लेकर लगातार चुनाव आयोग पर हमलावर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि ‘चुनाव आयोग कहता है कि ईवीएम मसीनों के साथ किसी तरह की छेड़खानी नहीं हो सकती, हम कहते हैं कि चुनाव आयोग 72 घंटों के लिए हमें ईवीएम मशीन सौंप दे।
हम 72 घंटों में मशीन को टेंपर करके दिखा देंगे।’अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के निकाय चुनावों में बैलट पेपर से ही वोटिंग कराने की गुहार लगाई है। केजरीवाल ने मध्य प्रदेश के भिंड में पकड़ी गई ईवीएम मशीन पर भी सवाल उठाए हैं।
वोटिंग मशीन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर पर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया था। अरविंद केजरी वाल ने कहा कि पता नहीं इन मशीनों में ऐसा कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल होता है जिसे लेकर चुनाव आयोग इतना आश्वस्त है।