पोस्टमैन की जगह आप का पार्सल पहुँचाने की ज़िम्मेदारी अब ड्रोन निभाने वाला है। जी हाँ! ड्रोन अब पार्सल डिलीवर का काम भी अंजाम देगा।
डाक विभाग ने अरुणाचल प्रदेश में ड्रोन सर्विस शुरू करने की अनूठी पहल करते हुए फास्ट कुरिअर और पार्सल सर्विसों के बीच सर्विस और पहचान बनाए रखने की शुरुआत भी कर दी है। अरुणाचल प्रदेश में पोस्टल विभाग पायलट प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन से पार्सल की डिलीवरी करेगी। फिलहाल इसका ट्रायल किया जा रहा है। हालांकि, नार्थ ईस्ट में ड्रोन सर्विस शुरू कर दी गई है।
पोस्टल डिपार्टमेंट देश के अन्य पहाड़ी इलाकों में भी यह सेवा शुरू करेग, साथ ही पार्सल की रियल टाईम ट्रैकिंग सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी ताकि ग्राहकों का सर्विस पर भरोसा बढ़ सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पार्सल और चिट्ठियों को पहुंचाने के लिए अब ड्रोन की मदद ली जाएगी। इसके लिए अरुणाचल प्रदेश में नार्थ ईस्ट में पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है।
जानकारी के अनुसार अभी शुरुआत में पोस्टल विभाग कुछ प्राइवेट ड्रोन कंपनियों की मदद से इस ड्रोन मेल सर्विस को शुरू करने जा रही है।
इसे अमली जामा पहनाने की गरज़ से डाक विभाग ने अरुणाचल प्रदेश के नमसाई जिले के चौखम पोस्ट ऑफिस से एक चिट्ठी के साथ ड्रोन को 45 किमी दूर लोहित ज़िले के वॉरको ब्रांच पोस्ट ऑफिस रवाना किया। इन स्थानों पर सड़क मार्ग से जाने पर इस चिट्ठी को पहुँचाने में करीब ढाई घंटे लगते थे, जबकि ड्रोन की मादा से यह केवल 22 मिनट में ही अपने गंतव्य तक पहुँच गई।
बताते चलें कि इस ज़िम्मेदारी के लिए, पोस्टल डिपार्टमेंट ने प्राइवेट ड्रोन सर्विस वाली संस्था के साथ समझौता किया है। अरुणाचल प्रदेश में इस पार्सलों और चिट्ठियों को पहुंचाने के लिए ये ड्रोन संस्था ही ज़िम्मेदार होगी। खबर है कि इस प्रयोग की सफलता के साथ ही पोस्टल डिपार्टमेंट देश के अन्य पहाड़ी इलाकों में भी इस सेवा को शुरू करेगा।
विभाग का कहना है कि ड्रोन सर्विस सुचारू रूप से शुरू हो जाने पर ग्राहकों को भेजे गए पार्सल की रियल टाईम ट्रैकिंग सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी, जिससे इस सर्विस पर भरोसा बढ़ सकेगा।