सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद डाक्टरों ने अपनी देश व्यापी हड़ताल खत्म कर दी है। दिल्ली सहित देश के अस्पतालों में आज से ओपीडी सुविधाएं सामान्य हो जाएंगी।
कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या मामले में चल रही देशव्यापी हड़ताल की समाप्ति के बाद आज यानी शुक्रवार से ओपीडी सुविधा पूरी तरह सामान्य हो जाएगी।
इस घटना के विरोध में 11 दिनों से हड़ताल कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट के आश्वासन के बाद बृहस्पतिवार देर शाम को काम पर लौट आए।
एफओआरडीए का कहना है कि उन्होंने दो सप्ताह के लिए हड़ताल को स्थगित किया है। इस मामले की समीक्षा के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सीआईएसएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। साथ ही मेडिकल कॉलेज में अब जगह-जगह पर सीआईएसएफ जवान दिखाई दे रहे हैं।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) और राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा अपील किए जाने के बाद, कोलकाता में प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुई घटना और उसकी हत्या के विरोध में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) की हड़ताल को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है
एफओआरडीए का कहना है कि उन्होंने दो सप्ताह के लिए हड़ताल को स्थगित किया है। इस मामले की समीक्षा के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे। एसोसिएशन मेडिकल कॉलेज में अपने सहकर्मियों की मांगों पर नजर बनाए हुए है
आरडीए-यूडीएफए द्वारा हड़ताल स्थगन के साथ ही फेमा ने भी गुरूवार को हड़ताल वापस ले ली है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है।
फेमा अध्यक्ष डॉ रोहन कृष्णन ने एक वीडियो संदेश के ज़रिए कहा कि विरोध जारी रहेगा, लेकिन एक अलग रूप में। उन्होंने बताया कि एक अखिल भारतीय बैठक के बाद सभी रेजिडेंट डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद इंदिरा गांधी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने भी आधिकारिक तौर जारी अपनी 11 दिन से चल रही हड़ताल वापस ले ली थी।
इसके अलावा यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन (यूडीएफए) ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल स्थगित कर दी है और ओपीडी, आपातकालीन और वैकल्पिक सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘न्याय और चिकित्सा’ को रोका नहीं जा सकता है। इसके अलावा, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वह सभी आवश्यक निर्देश जारी कर रही है। कोर्ट ने उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया।