पूरे भारत में डीआईसीएससी के कुल 4,740 केंद्र बनेंगे। डिजिटल सेवाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाने और ग्रामीण भारत में डिजिटल कार्य प्रणाली को बढ़ावा देने के मक़सद से इस परियोजना को शुरू किया जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा इस महत्वपूर्ण योजना के तहत पीलीभीत और गोरखपुर से डिजिटल इंडिया सामान्य सेवा केंद्र परियोजना की शुरुआत की जा रही है। शुरुआत में यह 10 जिलों की लगभग सभी ग्राम पंचायतों में एक मॉडल डीआईसीएससी केंद्र स्थापित किया जाएगा।
पीलीभीत में सीएससी केंद्र आधार पंजीकरण, बैंकिंग, वित्तीय नियोजन, टेली-लॉ, टेलीमेडिसिन, शिक्षा और ई-कॉमर्स सहायता सहित कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करेंगे।
इस परियोजना का प्राथमिक लक्ष्य ग्रामीण नागरिकों को वित्तीय और वाणिज्यिक सेवाओं के साथ आवश्यक ई-गवर्नेंस सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से एकीकृत मंच बनाना है।
पूरे भारत में डीआईसीएससी सेवा शुरू करने की योजना है। जिसमे पीलीभीत में 720 डीआईसीएससी केंद्र, जबकि गोरखपुर में 1,273 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश के चंबा में 309, महाराष्ट्र में पुराना औरंगाबाद, छत्रपति संभाजीनगर में 870, तेलंगाना के खम्मम में 589, गुजरात के गांधीनगर में 288, मिजोरम के ममित में 100, राजस्थान के जोधपुर में 415, लद्दाख के लेह में 95 और पुदुचेरी में 81 डीआईसीएससी केंद्र स्थापित किये जाने की योजना है।
सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड, इन केंद्रों के कार्यान्वयन और केंद्रीकृत तकनीकी निगरानी के प्रबंधन पर नज़र रखेगा।
इस परियोजना पर करीब इकतीस करोड़ साठ लाख अट्ठासी हजार की लागत आने का अनुमान है। इसके लिए प्रारम्भ में छह माह का समय निर्धारित किया गया है, आवश्यकता पड़ने पर इस अवधि को नौ महीने तक बढ़ाया जा सकता है।