मुजफ्फरनगर। शहर कोतवाली पुलिस ने जाम लगाने के मामले में बीएसएफ के डीआईजी को आरोपी बना डाला। डीआईजी की तैनाती छतीसगढ़ के नक्सल प्रभावित भिलाई में है। बिना जांच किए की गयी नामजदगी को लेकर पुलिस अब कठघरे में खड़ी है।
बीती 11 जुलाई को मन्सूरपुर थाना क्षेत्र में दुर्घटना के दौरान एक व्यक्ति की मौत और 20 लोग घायल हो गये थे। हादसे से गुस्साये ग्रामीणों ने शामली बाईपास पर जाम लगा दिया था। इस दौरान पुलिस से हाथापाई भी की गयी।
पुलिस ने जाम लगाने के मामले में लछेड़ा के 25 लोगों को नामजद व 150 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी। बिना जांच की गयी नामजदगी में चौंकाने वाली बात सामने आई । पुलिस ने जाम लगाने में जो लोग नामजद किये गये उनमें भिलाई में तैनात बीएसएफ के डीआईजी जितेन्द्र कुमार का नाम भी शामिल है। जबकि गांव वालों ने बताया कि पिछले काफी समय से डीआईजी जितेन्द्र कुमार गांव में आये भी नहीं हैं। पुलिस ने किसी व्यक्ति के कहने पर यह नामजदगी कर दी है।
एसएसपी दीपक कुमार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया। इस मामले में राजपत्रित अधिकारी को जांच सौंप दी गयी है। मुजफ्फरनगर पुलिस की इस हरकत ने एक बार फिर यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये हैं।