पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी प्रमुख मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करेंगे।
देश में तानाशाही स्थापित होने की बात का ज़िक्र करते हुए बीती रात इमरान खान ने एक लंबी पोस्ट लिखी। पोस्ट में इमरान खान आगे लिखते हैं कि सरकारी आतंकवाद की वजह से निर्दोष और शांत राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर गोली चलाई गई और उन्हें शहीद किया गया। उन्होंने हजारों कार्यकर्ता के लापता होने की भी बात कही है। इमरान का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को अब इस पर संज्ञान लेना चाहिए और अपनी संवैधानिक भूमिका निभानी चाहिए।
सविनय अवज्ञा आंदोलन का कदम पीटीआई के ‘करो या मरो’ विरोध प्रदर्शन की स्पष्ट विफलता के मद्देनजर उठाया गया है, जिसका उद्देश्य उनकी रिहाई और पार्टी का समर्थन हासिल करना था।
सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट करते हुए इमरान खान ने पांच सदस्यीय वार्ता समिति के गठन की घोषणा की जो संघीय सरकार के साथ दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करेगी।
इसमें पहला है- वर्तमान में प्रमुख मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे राजनीतिक कैदियों की रिहाई और 9 मई 2023 के विरोध प्रदर्शन के दौरान पीटीआई समर्थकों पर हिंसक कार्रवाई की न्यायिक जांच। दूसरे मुद्दे में 26 नवंबर को पीटीआई प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की आयोग की स्थापना की मांग शामिल है।
इमरान खान ने साफ कर दिया कि अगर ये मांगें नहीं मानी गईं तो वह 14 दिसंबर से सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करेंगे।
पीटीआई नेता के मुताबिक, राजनीतिक कैदियों की मांग के अलावा, इमरान खान ने इस्लामाबाद विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए 13 दिसंबर को पेशावर में एक सामूहिक रैली की घोषणा की है।
उन्होंने दावा किया कि कई पीटीआई कार्यकर्ता अभी भी लापता हैं और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमने मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के लिए सुप्रीम कोर्ट, लाहौर और इस्लामाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बताते चलें कि 26 नवंबर को इस्लामाबाद में बुशरा बीबी के नेतृत्व में इमरान ख़ान की रिहाई के लिए तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई गिरफ़्तारी और पुलिस कार्रवाई के बाद यह विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया गया था।