नई दिल्ली। दिल्ली हवाई अड्डे का परिचालन कर रही डायल ने क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत वाणिज्यिक उड़ानों के लिए भारतीय वायुसेना के हिंडन एयरबेस के अस्थायी इस्तेमाल के सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर उड़ान स्लॉट की कमी के कारण विमानन मंत्रालय ने यह विचार रखा था। जीएमआर समूह के नेतृत्व वाले समूह दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड डायल और सरकार के बीच हुये एक समझौते के मुताबिक आईजीआई हवाई अड्डे के 150 किलोमीटर के भीतर किसी हवाई अड्डे से वाणिज्यिक उड़ान परिचालन की अनुमति नहीं है।
जीएमआर के प्रवक्ता ने ई-मेल में जवाब में कहा, डायल, विमानन मंत्रालय के प्रस्ताव से सहमत है। बातचीत की शतोक के अनुसार, हिंडन एयरबेस का इस्तेमाल केवल एक अंतरिम उपाय है, जब तक कि डायल आईजीआई हवाई अड्डे के विस्तार का काम पूरा नहीं कर लेता है। उन्नतिकरण का काम पूरा होने के बाद सभी आरसीएस उड़ानें वापस आईजीआई हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर दी जाएंगी।
हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है कि क्या भविष्य में सभी आरसीएस उड़ानें हिंडन से संचालित होंगी या उनमें से कुछ को स्थानांतरित किया जाएगा। आरसीएस को उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) नाम से भी जाना जाता है, इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को किफायती उड़ान उपलब्ध करना है। इसके अलावा टियर-2 और टियर-3 शहरों को हवाई संपर्क प्रदान करना है। देश के सबसे व्यस्त दिल्ली हवाई अड्डे पर प्रति घंटे 67 हवाई यातायात गतिविधियां (प्रस्थान और आगमन) होती है, व्यस्तता वाले समय में यह आंकडा 72 तक पहुंच जाता है।