वैज्ञानिकों का कहना है कि डिम्बग्रंथि यानी ओवेरियन कैंसर के इलाज के लिए तैयार दुनिया का पहला टीका इस घातक बीमारी को खत्म कर सकता है।
ओवेरियन वैक्स नाम की इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक विकसित कर रहे हैं। जिसमें वैक्सीन का एक इंजेक्शन इम्यून सिस्टम को दवा देते हुए यह सिखाएगा कि शुरुआती दौर में अंडाशय पर कैंसर को पहचान कर उसे किस तरह खत्म करना है।
ओवेरियन कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है, जो महिलाओं में छठा सबसे आम कैंसर है। इससे हर दुनिया में दो लाख से ज़्यादा जबकि भारत में 33 हजार से ज़्यादा औरतों की मौत हो जाती है।
गौरतलब है कि डिम्बग्रंथि का कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है और इससे हर साल भारत में हजारों महिलाओं की मौत हो जाती है।
कैंसर का टीका हकीकत बनने से बस एक कदम दूर है। इसकी पहचान के लक्षण बड़े ही अस्पष्ट हैं। इनमे सूजन और पेट भरा हुआ महसूस होना, पेट में दर्द और अत्यधिक पेशाब आना जैसे लक्षण आम हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एमआरसी वेदहरल इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर मेडिसिन में ओवेरियन कैंसर सेल प्रयोगशाला के निदेशक प्रोफेसर अहमद और उनकी टीम डिम्बग्रंथि के कैंसर के टीकों के लिए सेलुलर लक्ष्यों की पहचान करने के लिए काम कर रही है।
प्रोफेसर अहमद ने समाचार एजेंसी को बताया कि, यदि टीका सफल होता है तो उन्हें अगले पांच वर्षों के भीतर प्रभाव दिखने की उम्मीद है। उनका कहना है कि हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है लेकिन यह वास्तव में एक रोमांचक समय है। मैं खुद बहुत आशावादी हूं
उम्मीद की जा रही है कि यह टीका एनएचएस के तहत सभी महिलाओं को निवारक रूप से दिया जा सकेगा, ताकि इस बीमारी को समाप्त किया जा सके, जो महिलाओं में छठा सबसे आम कैंसर है।