न्यूयॉर्क: डेल्टा वैरिएंट के समान लक्षण वाला सार्स-सीओवी-2 वैरिएंट गंभीर महामारी का कारण बन सकता है। इसमें अकेले लक्षण वाले वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रमण और पुर्नसंक्रमण हो सकता है। एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।
जर्नल सेल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि केवल बढ़ी हुई ट्रांसमिसिबिलिटी वाला एक वैरिएंट एक ऐसे वैरिएंट की तुलना में ज्यादा खतरनाक होगा जो आंशिक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली से बच सकता है। फिर भी दोनों लक्षणों वाला एक वैरिएंट अकेले किसी भी विशेषता वाले वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रमण, दोबारा संक्रमण होने का कारण बन सकता है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता मैरी बुशमैन के मुताबिक़ – “अब तक प्रतिरक्षा से बचने के सबूत प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने और दोबारा संक्रमण का कारण बनने की क्षमता रखता है। “बुशमैन ने आगे कहा- “हमारे निष्कर्ष कहते हैं कि यह शायद अपने आप में इतना बड़ा सौदा नहीं है। लेकिन जब इसे बढ़ी हुई ट्रांसमिसिबिलिटी के साथ जोड़ा जाता है, तो यह वास्तव में एक बड़ी बात हो सकती है।”