लंदन: एक नवीनतम अध्ययन के मुताबिक़, स्ट्रोक के कारण 2050 तक ग्लोबल डेथ रेट 50 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।
स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क को खून की आपूर्ति बंद हो जाती है या कम हो जाती है।
वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गनाइज़ेशन और लांसेट न्यूरोलॉजी कमीशन स्ट्रोक कोलेबरेशन ग्रुप की रिपोर्ट कहती है कि जनसंख्या और लोगों की बढ़ती उम्र के कारण स्ट्रोक के मामले 2020 में 6.6 मिलियन से बढ़कर 2050 तक 97 लाख हो सकते हैं।
एनएचएस वेबसाइट के अनुसार, कुछ अपरिवर्तनीय कारकों के कारण स्ट्रोक को रोकना हमेशा संभव नहीं होता है। इन कारकों में उम्र शामिल है। जानकारी से पता चलता है कि ज्यादातर स्ट्रोक 60 और 70 के दशक वाली उम्र में होते हैं।
According to a grim forecast by the Lancet Neurology Commission, deaths due to stroke will soar from 6.6 million in 2020 to 9.7 million by 2050#Health #Strokes #Fitness
Reported by: @ChandnaHimani https://t.co/eCgwCyeHFJ pic.twitter.com/EmSBi5I6Nm
— News18 (@CNNnews18) October 10, 2023
इस संबंध में लंदन जनरल प्रैक्टिस की डॉ. एंजेला रॉय कहती हैं कि लकवा दो प्रकार का होता है। जिसमे इस्केमिक स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह रुक जाता है। रक्तस्रावी स्ट्रोक की शिकायत उस समय होती है जब मस्तिष्क में रक्त का रिसाव होता है। अधिकांश स्ट्रोक इस्केमिक प्रकार के होते हैं और विशिष्ट कारकों से जुड़े होते हैं।
स्ट्रोक से प्रभावित होने के कारकों में आनुवांशिकी या अन्य स्वास्थ्य संबंधित तथ्य भी ज़िम्मेदार माने गए हैं। हालाँकि, आंकड़ों के अनुसार, कुछ चीजें हैं जो इस स्थिति को कम करने में मददगार हो सकती हैं। इनमे विशेष रूप से ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डाइबिटीज़ के अलावा उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना बहुत फायदेमंद होता है।