एडिनबर्ग: वैज्ञानिकों ने समुद्र तल पर धात्विक खनिजों की खोज की है जो “डार्क ऑक्सीजन” उत्पन्न करते हैं।
वैज्ञानिकों ने गहरे समुद्र में ‘डार्क ऑक्सीजन’ की खोज की है। नेचर जियोसाइंस पत्रिका में पब्लिश इस रिसर्च के मुताबिक़ समुद्र की सतह से करीब 4,000 मीटर यानी 13,100 फीट नीचे पूर्ण अंधेरे में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, इसे डार्क ऑक्सीजन का नाम दिया गया है।
गहराई में सूरज की रोशनी का ना होना फोटोसिंथेसिस को असंभव बना देता है। इससे पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत को लेकर भी एक नई बहस छिड़ सकती है।
हाल का एक शोध उन पुरानी धारणाओं को पलट सकता है जिनमें वैज्ञानिक मानते थे कि हमारे ग्रह की ऑक्सीजन केवल प्रकाश संश्लेषक जीवों द्वारा निर्मित होती है।
रिसर्च से पता चला है कि प्रशांत महासागर के निचले भाग में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पंप कर रही है। ये इतनी अधिक गहराई में है कि यहां सूरज की रोशनी का ना होना फोटोसिंथेसिस (प्रकाश संश्लेषण) को असंभव बना देता है।
समुद्र तल से 13,000 फीट की गहराई पर की गई खोज से पता चलता है कि पृथ्वी के समुद्र तल के पूर्ण अंधेरे में भी ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है।
नए निष्कर्ष संभावित रूप से पृथ्वी पर एरोबिक जीवन की उत्पत्ति के बारे में हमारे वर्तमान सिद्धांतों को चुनौती देते हैं। इससे पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत को लेकर भी एक नई बहस छिड़ सकती है।
इस संबंध में स्कॉटिश एसोसिएशन फॉर मरीन साइंस के एंड्रयू स्वीटमैन का कहना है- “पृथ्वी पर जीवन शुरू करने के लिए ऑक्सीजन आवश्यक थी और हमारी समझ यह रही है कि पृथ्वी की ऑक्सीजन आपूर्ति प्रकाश संश्लेषक जीवों से शुरू हुई। हालाँकि, उपर्युक्त शोध अब इस परिकल्पना को ख़त्म करने के बराबर है।