नयी दिल्ली। विश्व मधुमेह दिवस पर दिल्ली डायबिटीज रिसर्च सेंटर (डीडीआरसी) ने देश में मधुमेह को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक ‘साइक्लोथन’ कार्यक्रम का आयोजन किया। Cyclothon
कार्यक्रम में टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित करीब 60 साइकिल चालकों ने भाग लिया और कीर्ति नगर में मोमेंट्स मॉल से कमला नगर में बोंटा पार्क तक की 10 किलोमीटर की दूरी तय की।
इस मौके पर डीडीआरसी के अध्यक्ष डॉ. ए. के. झिंगन ने कहा, “ टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित युवाओं में साइकिल चलाना काफी फायदेमंद है। इस संबंध में अध्ययन के परिणाम रोगियों के लिए काफी उत्साहजनक और प्रेरणादायक रहे। साइकिलिंग से रोगियों का एचबीए 1 सी और वजन काफी कम हुआ।
छह महीने तक नियमित रूप से साइक्लिंग करने के बाद एलडीएल लिपिड प्रोफाइल स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हुआ और एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स दोनों में कमी आई। “ डॉ. झिंगन ने टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित 40 वर्ष से कम उम्र के 20 पुरुष रोगियों पर किये गये एक पायलट अध्ययन के निष्कर्षों का हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि अध्ययन का विवरण इस महीने हैदराबाद में आयोजित आर.एस.एस.डी.आई के वार्षिक सम्मेलन में साझा किया जाएगा। इस अध्ययन को एंडोक्राइन सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रमुख जर्नल इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबोलिज्म में प्रकाशित किया जाएगा। उन्होने कहा, ‘‘एचबीए 1 सी में सुधार होने पर हृदय और स्ट्रोक के अलावा मधुमेह से संबंधित डायबेटिक रेटिनोपैथी, न्यूरोपैथी और नेफ्रोपैथी जैसी जटिलताओं के जोखिम भी कम हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि इससे पहले इसी महीने डीडीआरसी ने एक ही स्थल पर मधुमेह रोगियों की अधिकतम संख्या की स्क्रीनिंग के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। उन्होंने कहा , “ भारत में मधुमेह का बोझ बहुत अधिक है। एक अनुमान के अनुसार यहां छह करोड़ 60 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और इसके कारण हर साल 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
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