राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इस समय तीन रनवे हैं। देश का पहला एलिवेटेड टैक्सीवे दिल्ली हवाईअड्डे पर 13 जुलाई से चालू हो जाएगा। कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ इसकी जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
यह उत्तरी और दक्षिणी हवाई क्षेत्रों को मिलाने के साथ एक विमान के लिए टैक्सी की दूरी 7 किलोमीटर कम कर देगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ये ऊंचे टैक्सीवे ए-380 और बी-777 सहित बड़े विमानों को संभाल सकते हैं इसके अलावा इस सुविधा से वार्षिक कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन को 55,000 टन तक कम करने में मदद मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ राष्ट्रीय राजधानी में हवाई अड्डे पर डुअल एलिवेटेड ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे और चौथा रनवे 13 जुलाई से चालू हो जाएगा।
दिल्ली हवाईअड्डे पर 13 जुलाई को भारत का पहला एलिवेटेड टैक्सीवे, चौथा रनवे होगा चालू https://t.co/uIJrBPSGdw pic.twitter.com/GzzuANDI0M
— NDTV India feed (@ndtvindiafeed) July 8, 2023
ईसीटी यानी ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवेज़ के साथ तीसरे रनवे पर उतरने के बाद टर्मिनल 1 तक पहुंचने के लिए एक विमान को जो दूरी तय करनी पड़ती है वह अब 9 किलोमीटर से घटकर मात्र 2 किलोमीटर रह जाएगी। इसके अलावा इससे उड़ान भरने और उतरने से पहले और बाद में यात्रियों द्वारा मार्ग पर बिताया जाने वाला समय भी घट जाएगा।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड यानी डीआईएएल इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन करता है। ये जीएमआर एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के नेतृत्व वाला एक संघ है। जीएमआर समूह के उप प्रबंध निदेशक आई प्रभाकर राव के मुताबिक़ चौथा रनवे और ईसीटी 13 जुलाई से चालू हो जाएगा।
दो टैक्सीवे वाला ईसीटी 2.1 किलोमीटर लंबा और लगभग 202 मीटर चौड़ा है।इनमे एक लैंडिंग के बाद विमानों के उपयोग के लिए प्रयोग किया जाता है जबकि दूसरा विमान के उड़ान भरने से पहले उपयोग करने के लिए। ईसीटी भारत में अपनी तरह का पहला होगा।