सस्ते होंगे निर्माणाधीन फ्लैट्स और घर, GST काउंसिल की अगली बैठक में हो सकता है बड़ा ऐलान!
बिक्री के समय खरीदारों को उन फ्लैट्स या घर पर जीएसटी का भुगतान नहीं करना होता है, जिसे कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिल चुका है।
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में घर खरीदारों को बड़ी राहत मिल सकती है। 10 जनवरी को होने वाली इस बैठक में निर्माणाधीन फ्लैट और घरों पर जीएसटी की दर को घटाकर 5 फीसद किए जाने पर विचार हो सकता है। जीएसटी काउंसिल की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं, जिसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।
जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) काउंसिल की पिछली बैठक में 28 फीसद वाले टैक्स स्लैब में कई सामान को बाहर निकालते हुए कुल 23 वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले टैक्स में कटौती की गई। जीएसटी के 28 फीसद वाले टैक्स स्लैब में अब महज 28 वस्तुएं ही बची हुई हैं।
अधिकारी ने बताया, ‘जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 10 जनवरी को होनी है।’ यह काउंसिल की 32वीं बैठक होगी। पिछली बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि अगली बैठक में रिहायशी संपत्तियों पर लगने वाले टैक्स को कम करने के साथ ही एमएमएमई के थ्रेसोल्ड लिमिट को 20 लाख रुपये से अधिक किए जाने पर विचार किया जाएगा।
इसके साथ ही मंत्रियों का समूह के उस रिपोर्ट पर भी विचार किया जाएगा, जिसमें एमएमएमई की चिंताओं को समझने की कोशिश की गई है। फिलहाल 20 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबार को जीएसटी से बाहर रखा गया है। परिषद की बैठक में केवल एमएसएमई के लिए इस लिमिट को बढ़ाकर 75 लाख रुपये किए जाने पर विचार किया जा सकता है।
अधिकारी ने बताया कि परिषद की बैठक में निर्माणाधीन इमारतों और फ्लैट्स की दरों को कम कर 5 फीसद किया जा सकता है। फिलहाल निर्माणधीन इमारतों या रेडी-टू-मूव इन फ्लैट्स पर 12 फीसद जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है। रेडी-टू-मूव इन फ्लैट्स में उन्हीं फ्लैट्स को शामिल किया गया है, जिन्हें बिक्री के समय तक कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला है।