प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2024 में कथित अनियमितताओं के विरोध में कांग्रेस ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ ही कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में भी उठाएगी।
कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता देश भर में नीट में हुई कथित अनियमितताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दो दिन पहले देश भर के पार्टी नेताओं को एक पत्र लिखा है।
पत्र के माध्यम से विभिन्न राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों से कहा गया है कि इस संबंध में न्याय की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्य मुख्यालयों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लें।
नीट और नेट मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, अनियमितताओं पर एनडीए सरकार की निष्क्रियता और ख़ामोशी के खिलाफ आज , सभी प्रदेश कांग्रेस समितियां राज्य मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगी। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय से भी आरोपों की गंभीरता के हवाले से लापरवाही के प्रति जीरो टॉलरेंस की मांग की गई है।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश के युवाओं को विफल करने के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर खामोश रहने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पहले नीट परीक्षा के ज़रिए 24 लाख लोगों को निराश किया गया और अब नेट परीक्षा के माध्यम से 9 लाख छात्रों को धोखा दिया गया है। फिर भी प्रधानमंत्री चुप रहना पसंद करते हैं।
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट में हो रही धांधली पर केसी वेणुगोपाल ने सभी पीसीसी अध्यक्षों, सीएलपी नेताओं, एआईसीसी महासचिवों, प्रभारियों, फ्रंटल संगठनों, विभागों, प्रकोष्ठों के प्रमुखों और एआईसीसी सचिवों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लिखा है।
नीट यूजी 2024 के आयोजन और परिणामों के संबंध में कांग्रेस नेताओं से वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले में समस्याओं और चिंताओं को दूर करने की तत्काल आवश्यकता है। उनका कहना है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा 4 जून को एनईईटी-यूजी 2024 के परिणाम जारी किए थे। परिणाम में उम्मीदवारों के बढ़े हुए अंकों के बाद अनियमितताओं और पेपर लीक के आरोपों पर महत्वपूर्ण चिंताएं हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि कार्यप्रणाली का खुलासा किए बिना अनुग्रह अंक प्रदान करना संदेह पैदा करता है।
छात्रों के भविष्य के खतरे को उजागर करने वाले कांग्रेस नेताओं को भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि इस तरह की अनियमितताएं परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कमजोर करती है और परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के भविष्य को खतरे में डालती है।
बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से संगठित भ्रष्टाचार को जोड़ते हुए वेणुगोपाल का कहना है कि नीट के कुछ परीक्षा केंद्रों पर तकनीकी गड़बड़ियों, कदाचार और अनुचित साधनों से परीक्षा प्रभावित रही है। आगे वह लिखते हैं कि कि बीजेपी शासित राज्यों में कदाचार के पैटर्न का पता चलता है। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय से भी आरोपों की गंभीरता के हवाले से लापरवाही के प्रति जीरो टॉलरेंस की मांग की गई है।
गौरतलब है कि नीट विवाद अभी शांत नहीं हुआ है और बुधवार को शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा नेट को रद्द कर दिया।
इस परीक्षा को रद्द किये जाने का कारण यूजीसी को नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट से मिलने वाले इनपुट को बताया गया है। मामले पर शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि नेट परीक्षा की सत्यनिष्ठा से किए गए समझौते की चिंताओं के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई। साथ ही जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही गई है।