चुनाव प्रक्रिया और मतदान से जुड़ी गतिविधयों की निगरानी के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी ने विशेष तैयारी की है। पार्टी द्वारा चुनाव संचालन और निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठित की गई है। नेताओं और विशेषज्ञों के इस समूह को ‘ईगल’ नाम दिया गया है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के चिंतन के बाद यह निर्णय लिया गया है। यह पैनल सबसे पहले महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेरफेर के मुद्दे को उठाएगा, जहां 2024 में विधानसभा चुनाव हुए थे। पैनल कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपेगा।
इसके तहत प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस चुनाव आयोग के खिलाफ एक दीर्घकालिक, राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगी। इसमें भविष्य के चुनावों की निगरानी के साथ ही पिछले चुनावों की समीक्षा भी की जाएगी।
वरिष्ठ नेताओं की एक विशेष टीम की देख-रेख में यह काम किया जाएगा। टीम में पवन खेड़ा सहित दिग्विजय सिंह, अभिषेक सिंघवी, अजय माकन, गुरदीप सप्पल, नितिन राउत, प्रवीण चक्रवर्ती और वामशी चंद रेड्डी शामिल होंगे।
ईगल (Empowered Action Group of Leaders and Experts/EAGLE) विशेष समूह पिछले राज्य चुनावों का भी विश्लेषण करेगा तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए भविष्य के चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाएगा।
आगामी 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह तैयारी की गई है। गौरतलब है कि बिहार में चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं। केरल में इसी वर्ष चुनाव होंगे।
महाराष्ट्र चुनावों के दौरान कांग्रेस वॉर रूम से जुड़े ईगल के सदस्य वामशी रेड्डी भी इस टीम का हिस्सा है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति पर कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एसपी वाले विपक्षी गठबंधन एमवीए ने ईवीएम में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। आरोप में कहा गया है कि धांधली करके महाराष्ट्र के लोगों के जनादेश को चुराया गया है।
अनुमान के मुताबिक़, पार्टी को 288 में से 150 से ज़्यादा सीटें जीतने की उम्मीद थी मगर उसे सिर्फ 56 सीटें मिलीं। इस चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी-एनसीपी-शिवसेना महायुति ने 230 सीटें जीतीं। इस चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने नतीजों को नकारते हुए घोषणा की कि वह ईवीएम के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करेगी।
कांग्रेस ने यही आरोप उस समय भी लगाए थे जब पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार गई थी। उनके मुताबिक़, सभी संकेत उसकी जीत की ओर इशारा कर रहे थे।
इससे पहले कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच राज्य में लगभग 40 लाख वोटों की बढ़त पर सवाल उठाया था। उस समय चुनाव आयोग से क्रॉस चेकिंग के लिए विस्तृत मतदाता सूची उपलब्ध कराने का आग्रह किया था जिसे चुनाव आयोग ने अस्वीकार कर दिया था।
बताते चलें कि दिग्विजय सिंह पिछले कुछ सालों से ईवीएम के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। उनका कहना है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने इस मुद्दे पर कई इंडिया ब्लॉक पार्टियों को एकजुट करने के साथ लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग से मुलाकात कर ईवीएम के वोटों का 100 प्रतिशत मिलान पेपर स्लिप से करने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने ईवीएम का पूरा समर्थन करते हुए इस मांग को निरस्त कर दिया था।