भारत और ईरान के बीच सोमवार को एक समझौता हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि इन दोनों के बीच होने वाला यह समझौता पाकिस्तान और चीन को नागवार लगेगा।
भारत और ईरान के मध्य चाबहार स्थित शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के संचालन से जुड़ा एक समझौता हुआ है। दोनों देशों की तरफ से इस समझौते में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और पोर्ट्स एंड मैरीटाइम ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ ईरान की भागीदारी है।
दरअसल शाहिद बेहेस्ती ईरान का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भारत के जहाज़रानी मंत्री सरबानंद सोनोवाल ने ईरान में इस अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौता दस साल के लिए है जिसके बाद ये ख़ुद ही आगे बढ़ जाएगा।
भारत ईरान ने मतभेद भुलाकर किया ये अहम समझौता, चीन पाकिस्तान को झटका? https://t.co/Jb585kPxLp
— BBC News Hindi (@BBCHindi) May 13, 2024
विदेश मंत्रालय के मुताबिक़, इस समझौते से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी और अफ़ग़ानिस्तान, मध्य एशिया और यूरेशिया के लिए मार्ग खुलेंगे। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि इस समझौते से पोर्ट में बड़े निवेश का मार्ग खुलेगा।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इस समझौते के तहत इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड द्वारा 120 मिलियन डॉलर का निवेश करने का समाचार है। इसके अलावा 250 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता भी की जाएगी। ऐसे में इस समझौते के तहत होने वाला निवेश करीब 370 मिलियन डॉलर का हो जाएगा।
दूसरी तरफ ईरानी सरहद के क़रीब ग्वादर पोर्ट पर पाकिस्तान और चीन विकास कार्यों में लगे हैं। ग्वादर पोर्ट की बात करें तो भारत, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान को जोड़ने वाले चाबहार पोर्ट के मुक़ाबले में इसे एक चुनौती की तरह देखा जाता है।