नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारी यूनियनों ने बेमियादी हड़ताल चार महीने के लिए टालने का अपनी बेमियादी हड़ताल चार महीनों के लिए टालने का फैसला किया है । सरकार उनकी शिकायतों पर विचार करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति के गठन के लिए तैयार हो गई । कर्मचारियों के यूनियनों की ये हड़ताल सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ 11 जुलाई से प्रस्तावित थी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के यूनियनों की राष्ट्रीय संयुक्त कार्य परिषद के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने बताया, ‘वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ अपनी बेमियादी हड़ताल हमने चार महीने के लिए टालने का फैसला किया है, क्योंकि सरकार ने हमें आश्वस्त किया कि वह हमारी ओर से उठाए गए मुद्दों को सुलझाएगी और उन्हें उच्च-स्तरीय समिति के पास विचार के लिए भेजेगी ।’ यूनियनों के प्रतिनिधियों की केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद सरकार ने एक उच्च-स्तरीय समिति गठित करने का फैसला किया ।
एनजेसीए रेलवे, डाक एवं तार विभाग एवं रक्षा मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के कर्मचारियों के विभिन्न यूनियनों की एक संयुक्त संस्था है। मिश्रा ने कहा, ‘‘सरकार ने हमें भरोसा दिलाया है कि वह जल्द ही मुद्दों को सुलझा लेगी । आश्वासन को देखते हुए हमने अपनी हड़ताल चार महीने के लिए टालने का फैसला किया है ।’ एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘एक नई उच्च-स्तरीय समिति कर्मचारी यूनियनों की ओर से की गई शिकायतों पर विचार के लिए जल्द ही गठित की जाएगी ।’